नई दिल्ली : खाद्य वितरण एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा, उत्पादन बढ़ाने के लिए गन्ने की नई किस्मों की ज़रूरत है। मौजूदा दो किस्में पर्याप्त उपज नहीं देतीं। उन्होंने कहा, चीनी उद्योग को चीनी उत्पादन को टिकाऊ बनाने के लिए नई किस्मों को विकसित करने और उनमें सुधार करने की पहल करनी चाहिए। उन्होंने एथेनॉल उत्पादन में विविधता लाने के लिए अंतर-फसलों के साथ प्रयोग पर ज़ोर दिया। इससे पहले, केंद्रीय खाद्य वितरण और उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एथेनॉल मिश्रण को बढ़ावा देकर तेल आयात पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से केंद्र की नीतिगत पहलों पर ज़ोर दिया।
भारतीय चीनी एवं जैव ऊर्जा निर्माता संघ (इस्मा) ने 2025-26 सत्र के लिए रिकॉर्ड चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया है। उनके प्रारंभिक आकलन से संकेत मिलता है कि, सकल चीनी उत्पादन 349 लाख टन तक पहुँच सकता है, जो पिछले वर्ष के अनुमान से 18% अधिक है। अपनी नवीनतम विज्ञप्ति में, ISMA ने चीनी उत्पादक राज्यों में मौजूदा जमीनी हालात, मानसून की प्रगति और पानी की उपलब्धता जैसे कारकों का हवाला दिया।
उच्च चीनी उत्पादन पूर्वानुमान ने सरकार को घरेलू आवश्यकताओं और एथेनॉल मिश्रण के आकलन के आधार पर निर्यात की अनुमति देने पर विचार करने के लिए प्रेरित किया है। चोपड़ा ने कहा, सरकार चीनी निर्यात पर विचार करने से पहले घरेलू खपत की ज़रूरतों और एथेनॉल की ज़रूरतों का मूल्यांकन कर सकती है। सचिव ने यह भी कहा कि, देश में चीनी की खपत पिछले साल की तुलना में कम हुई है, और उन्होंने कहा कि वह इस प्रवृत्ति के कारणों की जांच करने की योजना बना रहे हैं।