मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 19 जुलाई को कहा कि, उसने उत्तर प्रदेश स्थित यूनाइटेड इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया है क्योंकि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं है। आरबीआई के सुचना के अनुसार, बैंक का 19 जुलाई, 2023 से बैंकिंग कारोबार बंद हुआ। आरबीआई ने कहा कि, आरबीआई ने उत्तर प्रदेश के सहकारी आयुक्त और रजिस्ट्रार से बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया है।
आरबीआई ने एक विज्ञप्ति में कहा कि, यूनाइटेड इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया क्योंकि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं और बैंक का बने रहना उसके जमाकर्ताओं के हितों के लिए हानिकारक है।आरबीआई ने कहा कि, बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ होगा और यदि बैंक को अपने बैंकिंग व्यवसाय को आगे बढ़ाने की अनुमति दी गई तो सार्वजनिक हित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
आरबीआई ने बैंक को तत्काल प्रभाव से आगे जमा स्वीकार करने से रोक दिया है। आरबीआई ने कहा कि बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 99.98 प्रतिशत जमाकर्ता डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार है।आरबीआई दोषी सहकारी बैंकों पर शिकंजा कस रहा है। मनीकंट्रोल विश्लेषण से पता चला है कि, वित्त वर्ष 2023 में अब तक आरबीआई ने कम से कम नौ बैंकों का लाइसेंस रद्द कर दिया है और गलत काम करने वालों पर 114 बार मौद्रिक जुर्माना लगाया है।
सहकारी बैंक, जिन्होंने गांवों और अर्ध-ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं का विस्तार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, अब दोहरे विनियमन और कमजोर वित्त से लेकर स्थानीय राजनेताओं के हस्तक्षेप तक कई मुद्दों से निपट रहे है।












