रिलायंस अगले 5 वर्षों में पूर्वोत्तर में 75,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी: मुकेश अंबानी

रिलायंस अगले पांच वर्षों में पूर्वोत्तर राज्यों में 75,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगी, यह घोषणा रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और एमडी मुकेश अंबानी ने ‘राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025’ में बोलते हुए की।

अंबानी ने कहा कि इस निवेश से 2.5 मिलियन से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा की हम पूर्वोत्तर में अपने 45 मिलियन बहनों और भाइयों के जीवन को बेहतर बनाने की आकांक्षा रखते हैं।

रिलायंस ने पिछले 40 वर्षों में इस क्षेत्र में लगभग 30,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

मुकेश अंबानी ने यह भी बताया कि रिलायंस रिटेल उत्तर पूर्वी राज्यों में इस क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता वाले एफएमसीजी उत्पादों के कारखानों में निवेश करेगा और इस क्षेत्र की शानदार कारीगर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा।

इसके अलावा, अंबानी ने कहा की जियो ने पहले ही 5 मिलियन से ज़्यादा 5G सब्सक्राइबर के साथ 90 प्रतिशत आबादी को कवर कर लिया है। हम इस साल इस संख्या को दोगुना कर देंगे। मुकेश अंबानी का लक्ष्य 350 एकीकृत संपीड़ित बायोगैस संयंत्र स्थापित करके (उत्तर पूर्वी) क्षेत्र की विशाल “बंजर भूमि” को धन-भूमि में बदलना है।

स्वास्थ्य सेवा के मोर्चे पर मुकेश अंबानी ने पूर्वोत्तर में कैंसर की बेहतरीन देखभाल लाने की योजना बनाई है। अंबानी ने कहा की शुरुआत में, हमने मणिपुर में 150 बिस्तरों वाला व्यापक कैंसर अस्पताल स्थापित किया है। हम जीनोमिक डेटा का उपयोग करके स्तन कैंसर की देखभाल पर मिज़ोरम विश्वविद्यालय के साथ सहयोग कर रहे हैं। गुवाहाटी में, हमने एक उन्नत आणविक निदान और अनुसंधान प्रयोगशाला बनाई है। यह भारत में सबसे बड़ी जीनोम अनुक्रमण क्षमताओं में से एक होगी। हम पूर्वोत्तर को एक स्वास्थ्य सेवा केंद्र और एक शोध केंद्र में बदलने में मदद करेंगे।

पूर्वोत्तर में खेलों को बढ़ावा देने के लिए रिलायंस फाउंडेशन सभी आठ राज्यों के साथ मिलकर ओलंपिक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करेगा, जो हमारे युवाओं को ओलंपिक में कल के पदक विजेता बनने के लिए तैयार करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने जिस राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन किया, वह 23 और 24 मई को नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित होने वाला दो दिवसीय कार्यक्रम है। इस समिट का उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र को अवसरों की भूमि के रूप में उजागर करना और वैश्विक और घरेलू दोनों तरह के निवेश को आकर्षित करना है।

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