नई दिल्ली : भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार को कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून अगले चार से पांच दिनों में केरल में दस्तक दे सकता है, जो कि सामान्य तिथि 1 जून से काफी पहले है। IMD के आंकड़ों के अनुसार, यदि मानसून समय से पहले केरल पहुंचता है, तो यह 2009 के बाद से भारतीय मुख्य भूमि पर सबसे जल्दी आगमन होगा, जब मानसून 23 मई को आया था। मौसम विभाग ने पहले 27 मई तक चक्रवात के आने का अनुमान जताया था।
IMD ने कहा, इसी अवधि के दौरान दक्षिण अरब सागर के कुछ और हिस्सों, मालदीव और कोमोरिन क्षेत्र के शेष हिस्सों, लक्षद्वीप क्षेत्र के कुछ हिस्सों, केरल, तमिलनाडु, दक्षिण और मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों, उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होने की संभावना है।
देश में सामान्य मानसून के लिए एक महत्वपूर्ण कारक उत्तर-पश्चिम भारत में तथाकथित ‘हीट लो’ का निर्माण होना है। इससे निम्न दबाव का गर्त निर्मित होता है जो मानसून गर्त से नम हवा को खींच लेता है। इसके अभाव में मानसून कमजोर हो सकता है। फिलहाल, कोई ‘गर्मी कम’ नहीं है, लेकिन आईएमडी और स्वतंत्र वैज्ञानिकों ने कहा है कि मानसून अपनी सामान्य आगमन तिथि से पहले आ जाएगा।
IMD ने मंगलवार को कहा कि, 21 मई के आसपास कर्नाटक तट से दूर पूर्व-मध्य अरब सागर में एक ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण बनने की संभावना है। इसके प्रभाव में, 22 मई के आसपास उसी क्षेत्र में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके बाद, इसके उत्तर की ओर बढ़ने और और तेज होने की संभावना है।