कोलंबो : उद्योग एवं उद्यम विकास मंत्रालय के 2025 के बजटीय आवंटन के अंतर्गत क्रियान्वित परियोजनाओं की समीक्षा और वर्ष 2026 के लिए बजट-पूर्व चर्चा राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके की उपस्थिति में की गई।इस बैठक में चुनौतियों और मुद्दों के साथ-साथ देश के सकल घरेलू उत्पाद में औद्योगिक और उत्पादन क्षेत्रों के योगदान को बढ़ाने के उद्देश्य से भविष्य की योजनाओं पर भी चर्चा की गई। राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में उद्यमिता की भूमिका बढ़ाने और निर्यात राजस्व को बढ़ावा देने पर भी ज़ोर दिया गया।औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना, लघु एवं मध्यम उद्यमियों के लिए रियायती ऋण प्रदान करने और निर्यात क्षेत्र में सुविधाओं में सुधार पर विशेष ध्यान दिया गया।
बैठक में औद्योगिक उद्देश्यों के लिए उच्च-प्रभाव वाली भूमि के विकास और उसे निवेशकों को आवंटित करने की मौजूदा प्रणाली के अंतर्गत आने वाली चुनौतियों और उद्योगपतियों तथा उद्योग मंत्रालय, दोनों को प्रभावित करने वाले मुद्दों के संभावित समाधानों पर भी चर्चा की गई। इसके अलावा, लघु एवं मध्यम उद्यमियों को रियायती ऋण प्रदान करने में आने वाली कठिनाइयों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया गया। इस बात पर सहमति हुई कि उद्योग एवं उद्यमिता विकास मंत्रालय और वित्त मंत्रालय इन चिंताओं के समाधान के लिए मिलकर काम करेंगे।
सेवनगला और पेलवट्टे चीनी मिलों से संबंधित समस्याओं पर भी चर्चा की गई। राष्ट्रपति ने अधिकारियों को गन्ना किसानों के सभी बकाया भुगतानों का शीघ्र निपटान करने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रपति ने अधिकारियों को उद्योग एवं उद्यमिता विकास मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले संस्थानों द्वारा वर्तमान में प्रदान की जा रही सेवाओं की पहचान और समेकन हेतु योजनाओं को शीघ्रता से क्रियान्वित करने और उनका प्रभावी समन्वय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
चर्चा में उद्योग एवं उद्यमिता विकास मंत्री सुनील हंडुनेट्टी, उप मंत्री चतुरंगा अबेसिंघे, राष्ट्रपति की सचिव डॉ. नंदिका सनथ कुमानायके, वित्त मंत्रालय की सचिव डॉ. हर्षना सूर्यप्पेरुमा, उद्योग एवं उद्यमिता विकास मंत्रालय की सचिव थिलाका जयसुंदरा, राष्ट्रपति के वरिष्ठ अतिरिक्त सचिव श्री रसेल अपोंसो, उद्योग एवं उद्यमिता विकास मंत्रालय के अंतर्गत संस्थानों के अधिकारी और वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।