कलबुर्गी (कर्नाटक) : उपायुक्त कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, मंत्री प्रियांक खड़गे कहा कि मुख्यमंत्री ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए, गन्ना मूल्य को अंतिम रूप देने से पहले चीनी मिल मालिकों और उनके प्रतिनिधियों के साथ कई दौर की चर्चा की थी। उन्होंने कहा,चीनी मिलें 14 दिनों के भीतर ₹2,950 प्रति टन की निर्धारित कीमत का भुगतान करने पर सहमत हो ग़ई हैं।
मंत्री खड़गे ने कहा कि, अगस्त और सितंबर में हुई भारी बारिश (अगस्त में 69% अधिक और सितंबर में 63% अधिक) के कारण जिले में फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है। एनडीआरएफ के दिशानिर्देशों के तहत कृषि, बागवानी और राजस्व विभागों द्वारा किए गए संयुक्त सर्वेक्षण के अनुसार, 3,24,205 हेक्टेयर में फसल का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि, प्रभावित किसानों का विवरण पहले ही PARIHARA सॉफ्टवेयर पर अपलोड कर दिया गया है। उन्होंने कहा, कुल 3,26,183 किसानों को ₹250.97 करोड़ का मुआवजा मिलेगा। यह राशि अगले तीन-चार दिनों में उनके बैंक खातों में जमा कर दी जाएगी।
खड़गे ने कहा कि, फसल बीमा योजना के तहत, सरकार ने उन बीमित किसानों के लिए मध्य-मौसम आपदा मुआवजे के रूप में ₹243.41 करोड़ की राशि मंजूर की है जिनकी कपास, लाल चना, सूरजमुखी और हल्दी की फ़सलें अत्यधिक वर्षा से प्रभावित हुईं थीं। इस भुगतान में 2,67,560 किसान और 3,35,046.2 हेक्टेयर जमीन शामिल है। उन्होंने आगे कहा कि, स्थानीय आपदा” श्रेणी के अंतर्गत, 22,385 किसानों, जिन्होंने उड़द, मूंग, सोयाबीन और अन्य फसलों में फसल के नुकसान की सूचना दी थी, को जल्द ही सीधे उनके बैंक खातों में ₹8.79 करोड़ मिलेंगे।
एफआरपी और एमएसपी केंद्र की ज़िम्मेदारी
उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर पूछे गए सवालों के जवाब में, मंत्री खड़गे ने कहा कि एफआरपी और एमएसपी तय करने की ज़िम्मेदारी केंद्र सरकार की है। उन्होंने भाजपा नेताओं की इस मुद्दे को चुनिंदा ढंग से उठाने के लिए आलोचना की और उन पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया।


















