पटना : लघु जल संसाधन मंत्री डॉ.संतोष सुमन ने आरोप लगाया की, बिहार में राजद और कांग्रेस की वजह से चीनी मिलें बंद हो गई थी। उन्होंने आगे कहा कि, सात चीनी मिलों पर लालू-राबड़ी और कांग्रेस के राज में तालाबंदी हुई। मिलें बंद होने से प्रदेश के लाखों गन्ना किसानों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। कई लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा, और प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ी।मिलें बंद होने प्रदेश के विकास में भी रुकावटें आई।
अमर उजाला में प्रकाशित खबर के मुताबिक, मंत्री सुमन ने कहा कि, एक जमाने में उत्तर बिहार में 16 चीनी मिलें चलती थीं, जिसमें सात मिलें लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के शासन काल में बंद हो गई। मिल बंद होने से लोग बेरोजगार हो गये। इतना ही नहीं लाखों किसान गन्ना फसल से अलग हो गए। पश्चिम चंपारण में बगहा, नरकटियागंज, चनपटिया, रामनगर, मझौलिया और लौरिया में कुल छह चीनी मिलें थीं। आज के तारीख में सभी चीनी मिलें बंद हैं। डॉ.संतोष सुमन ने कहा कि मधुबनी की लोहट चीनी मिल 1996 और चनपटिया में 1994 से चीनी मिल बंद है। मुजफ्फरपुर की मोतीपुर चीनी मिल भी 1997 से, जबकि समस्तीपुर का चीनी मिल में 1985 से ताला बंद है।