कोल्हापुर (महाराष्ट्र): कृषि विभाग ने रोजगार गारंटी योजना (रोहयो) से सब्सिडी आधारित ‘गन्ने की मेड़ पर नारियल रोपण’ योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने का निर्णय लिया है। इससे किसानों को सिर्फ एक ही फसल पर निर्भर रहने के बजाय खेत की मेड़ पर रोपण करके आर्थिक विकास करने का अवसर मिला है। इस योजना के तहत, प्रति पौधा 1250 रुपये की सब्सिडी चरणबद्ध तरीके से 25,000 रुपये तक प्रदान की जाएगी। यह राशि किसानों के खातों में ऑनलाइन जमा की जाएगी।
गन्ने की खेती के साथ-साथ, इसके जरिए नारियल की खेती का भी प्रयोग किया जा सकता है। इसके लिए कोल्हापुर जिले के 24 गांवों का चयन किया गया है और प्रत्येक तालुका के दो गाँवों में कम से कम 100 किसानों को इसे लगाने का लक्ष्य दिया गया है। इसके अनुसार, शुरुआती चरण में प्रत्येक तालुका में दो गांवों का चयन किया गया है और 787 लाभार्थियों का चयन किया गया है।अब तक लगभग 700 पौधे लगाए जा चुके हैं। प्रति पौधा अनुदान दिया जाएगा।गन्ने के बागानों के आसपास नारियल के पेड़ लगाना एक अभिनव पहल होगी।
गन्ने की खेती के लिए दिए जाने वाले पानी का उपयोग तटबंध पर लगे पेड़ों के लिए किया जाएगा। गन्ने की फसल को बनाए रखते हुए इन पेड़ों की अच्छी वृद्धि सुनिश्चित करने के प्रयास आसानी से संभव होंगे। किसान के पास पांच एकड़ कृषि भूमि होनी चाहिए। एक हेक्टेयर में दिशानिर्देशों के अनुसार दिए गए आकार में पौधे लगाने होंगे। 20 पौधे लगाने पर अनुदान दिया जाएगा। इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान को ग्राम पंचायत में आवेदन करना होगा और जॉब कार्ड बनवाना होगा। उसके बाद, उसे भागीदारी के लिए आवेदन करना होगा। मंडल कृषि अधिकारी और तालुका कृषि अधिकारी आवेदन की जाँच करके उसे स्वीकृत करेंगे।