अगरतला : असम के पहाड़ी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर भूस्खलन के कारण आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के बावजूद, त्रिपुरा में वर्तमान में चावल, गेहूं और चीनी जैसी आवश्यक वस्तुओं का पर्याप्त स्टॉक है, एक अधिकारी ने गुरुवार को इसकी पुष्टि की। अधिकारी के अनुसार, वर्तमान में त्रिपुरा के पास 86 दिनों के लिए चावल, 50 दिनों के लिए गेहूं, 50 दिनों के लिए दाल, 22 दिनों के लिए चीनी और 30 दिनों के लिए नमक का स्टॉक है, जैसा कि पीटीआई ने बताया। हालांकि, ईंधन भंडार सीमित है और यह केवल चार से पांच दिनों की राज्य की मांग को पूरा कर सकता है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निदेशक सुमित लोध ने पीटीआई को दिए एक बयान में कहा, हम पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के लुमडिंग-बदरपुर खंड में रेलवे पटरियों को नुकसान पहुंचाने वाले भूस्खलन के कारण उत्पन्न व्यवधान के बाद प्रतिदिन खाद्य और ईंधन स्टॉक के स्तर की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि, बुधवार को विशेष सचिव देबप्रिया बर्धन की अध्यक्षता में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), रेलवे और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसीएल) के प्रतिनिधियों के साथ स्थिति का आकलन करने के लिए समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी।
लोध ने दोहराया कि, वर्तमान में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत वस्तुओं की कोई कमी नहीं है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि, आपूर्ति श्रृंखला के मुद्दों के बावजूद आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता स्थिर बनी हुई है।हालांकि, ईंधन का स्टॉक कम है और केवल चार से पांच दिनों के लिए पर्याप्त है। लोध ने कहा कि, एनएफआर मलबे को हटाने और रेलवे सेवाओं को बहाल करने के लिए तत्काल काम कर रहा है। 29 जून तक परिचालन फिर से शुरू होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, यदि 29 जून तक कनेक्टिविटी बहाल हो जाती है, तो खाद्य और ईंधन दोनों की आपूर्ति बिना किसी समस्या के जारी रहेगी। हालांकि,आगे कोई भी देरी खासकर ईंधन की उपलब्धता के लिए चुनौती बन सकती है। राज्य सरकार स्थिति को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए एफसीआई, आईओसीएल और एनएफआर के साथ समन्वय कर रही है।भारी भूस्खलन के कारण 23 जून से लुमडिंग-बदरपुर खंड पर रेल सेवाएं निलंबित हैं, जिससे त्रिपुरा, मणिपुर, मिजोरम और बराक घाटी के कुछ हिस्सों से रेल संपर्क प्रभावित हुआ है।