तेलंगाना : मोमिनपेट में प्रस्तावित एथेनॉल प्लांट को स्थानीय लोगों का विरोध

हैदराबाद: विकाराबाद जिले के मोमिनपेट में सुविरा बायो फ्यूल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित 60 KLPD अनाज-आधारित डिस्टिलरी (एथेनॉल) का स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं। कंपनी की पर्यावरण प्रभाव आकलन (EIA) रिपोर्ट की एग्जीक्यूटिव समरी में प्रोजेक्ट की क्षमता, जमीन की जरूरत और वैधानिक मंज़ूरी के लिए ज़रूरी प्रक्रिया का ज़िक्र है, जिसमें 30 दिसंबर को मोमिनपेट में एक पब्लिक हियरिंग भी शामिल है।

EIA/EMP एग्जीक्यूटिव समरी रिपोर्ट में कहा गया है कि, यह प्रोजेक्ट तेलंगाना के विकाराबाद जिले के मोमिनपेट गांव और मंडल में 10.33 एकड़ ज़मीन पर प्रस्तावित एक अनाज-आधारित डिस्टलरी यूनिट है। इसमें बताया गया है कि, टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) को राज्य-स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण ने 23 फरवरी, 2025 को मंज़ूरी दी थी और EIA/EMP रिपोर्ट मंज़ूर ToR और मार्च 2025 से मई 2025 तक किए गए प्री-प्रोजेक्ट बेसलाइन स्टडी के आधार पर तैयार की गई थी।

व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा पर, EIA कहता है कि कंपनी सुरक्षा सुविधाओं को लागू करेगी और प्रस्तावित प्रतिष्ठान में और अधिक सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।इसमें कहा गया है कि, दुर्घटनाओं की योजना नहीं बनाई जा सकती है, और इसमें जोखिम मूल्यांकन और आपदा प्रबंधन योजना की तैयारी का वर्णन किया गया है। दस्तावेज़ में कहा गया है कि, कुल प्रोजेक्ट लागत लगभग 99.58 करोड़ रुपये है।स्थानीय लोगों और कार्यकर्ताओं ने प्रदूषण और पानी की समस्याओं के बारे में चिंता जताई है।

प्रोग्रेसिव ऑर्गनाइजेशन ऑफ विमेन (POW) की राज्य सचिव वाई गीता ने मांग की कि, मोमिनपेट में प्रस्तावित निजी एथेनॉल प्लांट को रद्द किया जाए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि, प्लांट स्थापित होने के बाद यह इलाका “रहने लायक नहीं” रहेगा। गीता ने कहा, अगर मोमिनपेट में एथेनॉल प्लांट लगाया जाता है, तो हम यहां और नहीं रह पाएंगे। उन्होंने निवासियों, लोगों के संगठनों के प्रतिनिधियों, राजनीतिक दलों और पर्यावरण विशेषज्ञों से 30 दिसंबर को मोमिनपेट में होने वाली पब्लिक हियरिंग में शामिल होने और प्रोजेक्ट का विरोध करने का आह्वान किया।

गीता ने आरोप लगाया कि, प्रस्तावित एथेनॉल फैक्ट्री जहरीला प्रदूषण फैलाएगी और क्षेत्र की जमीन, पानी और हवा को दूषित करेगी। उन्होंने कहा कि खतरनाक गैसें और खतरनाक रसायन भूजल, कृषि और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम पैदा करेंगे। उन्होंने कहा कि मोमिनपेट एक कृषि-निर्भर क्षेत्र है और एक प्रदूषण फैलाने वाला उद्योग खेतों और जल संसाधनों को नुकसान पहुंचाएगा।

उन्होंने विशेष रूप से चेतावनी दी कि, फॉर्मल्डेहाइड और मेथनॉल जैसी जहरीली गैसें सांस की समस्याओं और कैंसर सहित गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं। गीता ने दावा किया कि, फैक्ट्री हर दिन कई लाख लीटर पानी इस्तेमाल करेगी, जिससे टैंक और कुएं खाली हो जाएंगे और सिंचाई के लिए बहुत कम पानी बचेगा, जिससे फसलों का नुकसान होगा और किसानों और खेतिहर मजदूरों की रोजी-रोटी खतरे में पड़ जाएगी।

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