पटना:बिहार सरकार ने राज्य में गुड़ प्रोडक्शन को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल शुरू की है, जिसमें गन्ना किसानों और इन्वेस्टर्स को फाइनेंशियल मदद और इंसेंटिव दिए जा रहे हैं। बिहार स्टेट गुड़ इंडस्ट्री प्रमोशन प्रोग्राम के तहत, किसान और एंटरप्रेन्योर गुड़ प्रोडक्शन यूनिट लगाने के लिए ऑनलाइन अप्लाई कर सकते है। एप्लीकेशन 25 नवंबर 2025 तक खुले रहेंगे।
गुड़ यूनिट लगाने के लिए ग्रांट यह प्रोग्राम यूनिट की गन्ना क्रशिंग कैपेसिटी के आधार पर ₹6 लाख से ₹1 करोड़ तक की फाइनेंशियल मदद देता है। यह पहल गन्ने की खेती को बढ़ावा देने और लोकल चीनी इंडस्ट्री को मजबूत करने के राज्य सरकार के बड़े प्रयासों का हिस्सा है। किसान और इन्वेस्टर्स प्रोग्राम के सातवें फेज के लिए ऑफिशियल वेबसाइट: ccs.bihar.gov.in के जरिए अपने एप्लीकेशन जमा कर सकते हैं। गन्ना पेराई क्षमता के आधार पर ग्रांट की रकम सरकार गुड़ यूनिट लगाने की कैपिटल कॉस्ट का 50% तक देगी।
ग्रांट का बंटवारा इस तरह है:
5–20 टन/दिन क्षमता वाली यूनिट: ₹6 लाख तक
21–40 टन/दिन क्षमता वाली यूनिट: ₹15 लाख तक
41–60 टन/दिन क्षमता वाली यूनिट: ₹45 लाख तक
60 टन/दिन से ज़्यादा क्षमता वाली यूनिट: ₹1 करोड़ तक
पात्र किसान और निवेशक ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं और गुड़ प्रोडक्शन यूनिट लगाने या बढ़ाने के लिए इस फाइनेंशियल मदद का फायदा उठा सकते हैं। आर्थिक सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास गन्ना उद्योग विभाग के अनुसार, सातवें चरण के एप्लीकेशन 25 नवंबर 2025 को बंद हो जाएंगे।
ज़्यादा जानकारी के लिए आवेदक अपने ज़िला गन्ना अधिकारी या असिस्टेंट डायरेक्टर से भी संपर्क कर सकते हैं। यह प्रोग्राम न केवल किसानों की इनकम बढ़ाने के लिए बल्कि गन्ने पर आधारित ग्रामीण उद्योगों को मजबूत करने के लिए भी बनाया गया है। इस पहल से राज्य में रोजगार के मौके पैदा होने, आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने और किसानों की कमाई में काफी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।

















