केंद्र सरकार चीनी के MSP बढ़ाने की मांग पर विचार करेगी: खाद्य मंत्री

नई दिल्ली : केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि, केंद्र सरकार ने अक्टूबर से शुरू होने वाले 2025-26 चीनी सत्र के लिए 15 लाख टन चीनी के निर्यात को मंजूरी दे दी है और कहा कि सरकार चीनी के न्यूनतम विक्रय मूल्य (MSP) को बढ़ाने के उद्योग के अनुरोध पर विचार करेगी।

फरवरी 2019 से चीनी का MSP 31 रुपये प्रति किलोग्राम पर बना हुआ है। चीनी उद्योग का शीर्ष निकाय, भारतीय चीनी एवं जैव-ऊर्जा निर्माता संघ (ISMA), उत्पादन लागत में वृद्धि का हवाला देते हुए सरकार से कीमतें बढ़ाने का आग्रह कर रहा है।

एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए, मंत्री जोशी ने कहा, पिछले 2024-25 सत्र में, 10 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति देने के बाद कीमतें स्थिर थीं। अब हमने 2025-26 सत्र के लिए 15 लाख टन चीनी के निर्यात को मंजूरी दे दी है। पीटीआई के अनुसार उन्होंने कहा कि, मंत्रालय चीनी की कीमतों पर निर्यात के प्रभाव का आकलन करेगा और फिर न्यूनतम विक्रय मूल्य बढ़ाने की मांग पर विचार करेगा।

सत्र 2024-25 (अक्टूबर-सितंबर) में, भारत ने लगभग 8 लाख टन चीनी का निर्यात किया, जो आवंटित 10 लाख टन से थोड़ा कम है। समाचार रिपोर्ट के अनुसार, खाद्य उद्योग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की है कि, सरकार चीनी के MSP के संबंध में उद्योग की मांग की समीक्षा करेगी।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उनसे चीनी के MSP में संशोधन करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि, गन्ने के मूल्य संकट को हल करने का सबसे प्रभावी उपाय चीनी के MSP को तुरंत 31 रुपये प्रति किलोग्राम से संशोधित करना है। इससे मिलों की तरलता में तुरंत सुधार होगा, जिससे वे राज्य या केंद्र की सब्सिडी के बिना किसानों द्वारा मांगी गई कीमत का भुगतान कर सकेंगे।

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