प्रधानमंत्री से मेरे अनुरोध के बाद केंद्र ने चीनी के MSP में वृद्धि की मांग पर विचार किया: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने किया दावा

बेंगलुरु : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार को चीनी उद्योग की चीनी के न्यूनतम विक्रय मूल्य (MSP) में वृद्धि की मांग पर विचार करने के केंद्र सरकार के कदम का श्रेय लिया और कहा कि यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी हालिया बैठक के बाद लिया गया है।

मंगलवार को, केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने घोषणा की कि, केंद्र सरकार ने अक्टूबर से शुरू होने वाले 2025-26 के चीनी सत्र के लिए 15 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दे दी है और वह MSP बढ़ाने के उद्योग के अनुरोध पर विचार करेगी। 31 रुपये प्रति किलोग्राम का वर्तमान MSP फरवरी 2019 से अपरिवर्तित बना हुआ है, जबकि भारतीय चीनी एवं जैव-ऊर्जा निर्माता संघ (ISMA) उच्च उत्पादन लागत का हवाला देते हुए इसमें संशोधन की मांग कर रहा है।

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, सिद्धारमैया ने एक सवाल के जवाब में कहा, “जोशी ने कहा है कि वे (केंद्र) इसे (न्यूनतम विक्रय मूल्य) 31 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर 40 रुपये प्रति किलोग्राम करने पर विचार करेंगे। मैंने 41 रुपये प्रति किलोग्राम की मांग की थी। मेरे (प्रधानमंत्री से) अनुरोध करने के बाद उन्होंने ऐसा कर दिया है।”

उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा कि, चीनी मिलों ने उनसे और मुख्यमंत्री दोनों से संपर्क किया था और कहा कि चीनी की कीमतों में सात-आठ सालों से संशोधन नहीं किया गया है।उन्होंने कहा, “इसलिए हमने प्रधानमंत्री के समक्ष अनुरोध रखा।शिवकुमार ने कहा कि, केंद्र के पास गन्ना, मोलासेस, बिजली दरों और बैंक ब्याज दरों से संबंधित मुद्दों पर निर्णय लेने का अधिकार है। जोशी की घोषणा का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा, हमने केंद्र से न्याय करने को कहा था।

सिद्धारमैया ने सोमवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की और गन्ना किसानों की चिंताओं सहित राज्य की कई लंबित मांगों को रेखांकित करते हुए एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा था। बैठक के बाद, मुख्यमंत्री ने कहा था कि, स्थिर एमएसपी के कारण मिलें किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान करने में असमर्थ हो गई हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री से एमएसपी में संशोधन करने, कर्नाटक की डिस्टिलरियों के लिए एथेनॉल खरीद की गारंटी देने और पारदर्शी, किसान-अनुकूल मूल्य निर्धारण सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय कटाई और परिवहन (एचएंडटी) लागत अधिसूचना जारी करने का आग्रह किया।

उन्होंने निम्नलिखित मांगों पर स्थायी समाधान के रूप में विचार करने की मांग की थी:

1. चीनी एमएसपी में संशोधन: इस संकट के समाधान का सबसे प्रभावी उपाय चीनी एमएसपी को 31/किग्रा से तुरंत संशोधित करना है। इससे मिलों की तरलता में तुरंत सुधार होगा, जिससे वे राज्य या केंद्रीय सब्सिडी की आवश्यकता के बिना किसानों द्वारा मांगी गई कीमत का भुगतान कर सकेंगी।

2. सुनिश्चित एथेनॉल उठाव: हम कर्नाटक की चीनी-आधारित डिस्टिलरियों से बढ़ी हुई और सुनिश्चित खरीद आवंटन का अनुरोध करते हैं। इससे एक स्थिर राजस्व प्रवाह प्राप्त होता है और मिलों के वित्त को सीधे समर्थन मिलता है।

3. एच एंड टी लागत अधिसूचना: हम एक केंद्रीय अधिसूचना की मांग कर रहे हैं जो राज्यों को शुद्ध गन्ना मूल्य तय करने या समर्थन करने का अधिकार दे, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि एच एंड टी लागत का पारदर्शी प्रबंधन हो और किसान के लिए एफआरपी अव्यवहारिक न हो।

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