नई दिल्ली : भारत यूरिया मैन्युफैक्चरर्स के लिए लंबे समय से पेंडिंग फिक्स्ड कॉस्ट फ्रेमवर्क को फाइनल करने के करीब है। इंडस्ट्री की सालों की मांगों के बाद फर्टिलाइजर सेक्टर में क्लैरिटी लाने की उम्मीद है, यह बात फर्टिलाइजर डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी रजत कुमार मिश्रा ने बुधवार को कही। FAI एनुअल सेमिनार 2025 के मौके पर बोलते हुए, उन्होंने कहा कि यह काफी हद तक आखिरी दौर में है।
मिश्रा ने कहा कि, ग्लोबल वोलैटिलिटी के बावजूद भारत का फर्टिलाइजर मार्केट स्टेबल रहा। उन्होंने कहा कि, राज्यों में सप्लाई समय पर हो रही है। उन्होंने कहा, पूरे देश में अवेलेबिलिटी अच्छी है। डोमेस्टिक कंपनियों ने प्रोडक्शन बढ़ाया है, इंपोर्ट स्टेबल है, और हमें इस समय किसी भी तरह के क्राइसिस की उम्मीद नहीं है। भारत इंटरनेशनल पार्टनरशिप के ज़रिए सप्लाई सिक्योरिटी को भी मजबूत कर रहा है।
मिश्रा ने कहा, हम उपलब्धता बढ़ाने और घरेलू बाजारों को सपोर्ट करने के लिए मोरक्को और रूस जैसे अपने भरोसेमंद टाई-अप पर भरोसा करते रहेंगे। उन्होंने पिछली रुकावटों के बाद सोर्स को अलग-अलग करने पर सरकार के फोकस पर ज़ोर दिया। उन्होंने नैनो यूरिया के वादे पर भी ज़ोर दिया, इसे इस सेक्टर के लिए एक बड़ा इनोवेशन बताया।
उन्होंने कहा, यह हमारे लिए एक बहुत ज़रूरी प्रोडक्ट है।इसकी कीमत पारंपरिक फ़र्टिलाइज़र से बहुत कम है, और इसे ट्रांसपोर्ट करना कहीं ज़्यादा आसान है। उन्होंने बताया कि, साइंटिफ़िक सबूत बताते हैं कि नैनो यूरिया सीधे पौधे की पत्तियों पर डालने पर बेहतर अब्जॉर्प्शन देता है। राज्य और साइंटिस्ट हमें जो बताते हैं, उसके आधार पर हम नैनो यूरिया का भविष्य अच्छा देखते हैं।”
मिश्रा ने कहा कि भारत की फ़र्टिलाइज़र पॉलिसी अब एफिशिएंसी, कम लॉजिस्टिक्स बोझ और टेक्नोलॉजी-ड्रिवन न्यूट्रिएंट मैनेजमेंट की ओर बढ़ रही है। उन्होंने कहा, हमें नए फॉर्मूलेशन और नए तरीके अपनाने होंगे। फ़िक्स्ड कॉस्ट का फ़ैसला एक स्थिर और आगे की ओर देखने वाला माहौल बनाने का हिस्सा है। उन्होंने कहा, हम किसानों की ज़रूरत, मिट्टी की हेल्थ प्रोफ़ाइल, सब्सिडी के मामले में जवाबदेही भूल जाते हैं। यह हमारे लिए कई तरह की चुनौती है।भारत दुनिया में फर्टिलाइजर का दूसरा सबसे बड़ा कंज्यूमर है। मिश्रा ने कहा, हम इस बारे में सोच रहे हैं कि हम ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक फर्टिलाइजर को एक साथ कैसे रख सकते हैं। (ANI)















