बेंगलुरु : गुरुवार को कर्नाटक विधानसभा ने सर्वसम्मति से आठ प्रस्ताव पारित किए, जिसमें केंद्र सरकार से क्षेत्रीय असंतुलन, स्वास्थ्य सेवा, सिंचाई, एथेनॉल आवंटन, आरक्षण नीति और संस्थानों के केंद्रीकरण से संबंधित लंबे समय से लंबित मुद्दों को हल करने का आग्रह किया गया। सदन ने एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम के तहत कर्नाटक को एथेनॉल के भेदभावपूर्ण आवंटन पर भी चिंता जताई।
प्रस्ताव पेश करते हुए कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एच के पाटिल ने कहा कि, 2025-26 में गन्ने और मक्के के बंपर उत्पादन और एथेनॉल निर्माण क्षमता में काफी वृद्धि के बावजूद, राज्य को तेल विपणन कंपनियों के माध्यम से इथेनॉल की बहुत कम आपूर्ति मिल रही है। उन्होंने दावा किया कि, कम क्षमता वाले राज्यों को अधिक आवंटन मिल रहा है, और चेतावनी दी कि अपर्याप्त आपूर्ति के कारण चीनी मिलों और एथेनॉल इकाइयों को अपनी क्षमता से कम पर काम करना पड़ रहा है, जिससे किसानों को भुगतान में देरी हो रही है।
PTI की रिपोर्ट के अनुसार, प्रस्ताव में कर्नाटक के एथेनॉल कोटे में तत्काल बढ़ोतरी, नीतिगत सुधार और आवंटन को वास्तविक क्षमता के साथ संरेखित करने के लिए एक विस्तृत अध्ययन की मांग की गई। हालांकि, विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि ये प्रस्ताव केंद्र को निशाना बनाने और राज्य सरकार की कमियों का दोष दूसरों पर डालने का एक प्रयास है।

















