युगांडा सरकार का अगले साल से पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रण अनिवार्य करने का फैसला

कंपाला : अगले साल जनवरी से, युगांडा सभी ईंधन वितरकों को देश भर में बेचे जाने वाले पेट्रोल में स्थानीय रूप से उत्पादित एथेनॉल मिलाना अनिवार्य करेगा। ऊर्जा मंत्री रूथ नानकबीरवा ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा, मिश्रण प्रक्रिया का नेतृत्व युगांडा नेशनल ऑयल कंपनी (यूएनओसी) द्वारा किया जाएगा। रॉयटर्स के अनुसार,सरकार के इस कदम का उद्देश्य देश के $2 बिलियन वार्षिक पेट्रोलियम आयात बिल को कम करना और स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों को बढ़ावा देना है।

मंत्री नानकबीरवा ने कहा, यह पहल केवल ईंधन की गुणवत्ता में सुधार के बारे में नहीं है।यह पर्यावरण संरक्षण और युगांडा के लोगों के लिए ईंधन की कुल लागत को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नई नीति के तहत, ईंधन डीलरों को शुरू में पेट्रोल में 5% एथेनॉल मिलाना होगा। स्थानीय आपूर्ति क्षमता के आधार पर धीरे-धीरे अनुपात को 20% तक बढ़ाने की योजना है। ईंधन सम्मिश्रण में पेट्रोल या डीजल जैसे पारंपरिक जीवाश्म ईंधन को एथेनॉल या बायोडीजल जैसे नवीकरणीय योजकों के साथ मिलाना शामिल है। एथेनॉल, एक जैव ईंधन जो मुख्य रूप से मोलासेस से प्राप्त होता है। इसे पारंपरिक जीवाश्म ईंधन का एक स्वच्छ विकल्प माना जाता है और यह सरकार के उत्सर्जन-कमी लक्ष्यों का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

मंत्री नानकबीरवा ने कहा, यह नीति युगांडा की व्यापक ऊर्जा रणनीति के अनुरूप है। 2023 में, देश ने ईंधन आयात को केंद्रीकृत करते हुए वैश्विक ऊर्जा दिग्गज विटोल की एक सहायक कंपनी को विशेष पेट्रोलियम आपूर्ति अधिकार प्रदान किए।हालाँकि, युगांडा वर्तमान में आयातित परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों पर निर्भर है, लेकिन यह पूर्वी अफ्रीकी देश अगले साल वाणिज्यिक कच्चे तेल का उत्पादन शुरू करने की तैयारी कर रहा है, जिसकी योजना तंजानिया में हिंद महासागर के बंदरगाह पर पाइपलाइन के माध्यम से निर्यात करने की है।

अपने ऊर्जा क्षेत्र को विकसित करने की दिशा में एक बड़े कदम में, यूएई समर्थित फर्म ने मार्च में युगांडा की पहली कच्चे तेल रिफाइनरी, 60,000 बैरल प्रति दिन (BPD) सुविधा बनाने के लिए एक अनुबंध हासिल किया। राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी के कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, यूएई स्थित अल्फा एमबीएम इन्वेस्टमेंट्स रिफाइनरी में 60% हिस्सेदारी रखेगा, जबकि युगांडा की सरकारी स्वामित्व वाली नेशनल ऑयल कंपनी शेष 40% हिस्सेदारी अपने पास रखेगी।

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