उत्तर प्रदेश: गन्ना बकाया भुगतान में विफलता; दो चीनी मिलों के सात अफसरों पर एफआईआर दर्ज

बरेली : उत्तर प्रदेश सरकार गन्ना किसानों का भुगतान में विफल मिलों के खिलाफ कड़ी एक्शन ले रही है। अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, किसानों का बकाया न देने वाली दो चीनी मिलों के सात अफसरों के विरुद्ध अलग-अलग थानों में एफआईआर दर्ज कराई गई है। इन पर किसानों से विश्वासघात, धोखाधड़ी और आर्थिक शोषण करने के आरोप हैं। इसमें बहेड़ी की केसर इंटरप्राइजेज और नवाबगंज की ओसवाल ओवरसीज लिमिटेड के अधिकारी शामिल हैं। दोनों मिलों पर 224.70 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य बकाया है। ये कार्रवाई गन्ना आयुक्त स्तर से जारी आरसी के बाद हुई है।

आपको बता दे की, बहेड़ी चीनी मिल के प्रबंध निदेशक हर्ष रजनीकांत किलाचंद, अध्यासी शरत मिश्र और मुख्य वित्त अधिकारी विपुल के विरुद्ध सहकारी गन्ना विकास समिति के प्रभारी सचिव राजीव सेठ ने थाना बहेड़ी में एफआईआर दर्ज कराई है। इन पर आरोप है कि इस चीनी मिल पर पेराई सत्र 2024-25 का 166.60 करोड़ 65 हजार रुपये बकाया है। आरसी जारी होने और डीएम की ओर से छह पत्र लिखे जाने के बावजूद बकाया अदा नहीं किया। इसी तरह, सहकारी गन्ना विकास समिति की सचिव मेधा जोशी ने नवाबगंज चीनी मिल के प्रबंध निदेशक परमजीत सिंह, निदेशक अनूप श्रीवास्तव, अध्यासी विजय कुमार मिश्र और वित्त प्रबंधक एजाज अहमद के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई है। आरोप है कि इन लोगों ने किसानों का वर्ष 2023-24 का बकाया 18.64 करोड़ रुपये भुगतान नहीं किया है। पेराई सत्र 2024-25 का भी 39.45 करोड़ रुपये बाकी है। इस तरह ओसवाल चीनी मिल पर कुल 58.09 करोड़ की बकायेदारी है।इस मिल के खिलाफ भी आरसी जारी हो चुकी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here