उत्तर प्रदेश: अंबेडकर नगर में किसानों ने गन्ना फसल से बनाई दुरी, रकबे में गिरावट

अंबेडकर नगर : उत्तर प्रदेश में एक तरफ जहां गन्ने का उत्पादन नए ऊंचाइयों को छु रहा है, वही दूसरी तरफ अंबेडकरनगर जैसे जिलों में किसान गन्ना फसल से दूरी बनाते नजर आ रहे है। जिले में गन्ना रकबे में हुई गिरावट से यह बात सामने आई है। अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, साल 2024-25 की अपेक्षा 2025-26 पेराई सत्र के सर्वे में चार प्रतिशत गन्ने का रकबा घट गया है। किसानों के मुताबिक इसके पीछे चीनी मिल का किसानों को प्रोत्साहित नहीं करने के साथ ही गन्ने की उपज देने वाले बीज का किसानों का उपलब्ध न करा पाना है।

खबर में आगे कहा गया है की, जिले में 40 हजार किसान 20 हजार हेक्टेयर में गन्ने की खेती कर रहे हैं। बीते वर्ष 42 हजार किसानों ने 21 हजार हेक्टेयर में खेती कर चीनी मिल को गन्ने की आपूर्ति की थी। वर्ष 2010 से 2020 तक गन्ने की बुआई करने वाले किसानों की संख्या 47 हजार और गन्ने का रकबा 26 हजार हेक्टेयर के करीब था। इसके बाद से हर वर्ष गन्ने का रकबा घटता जा रहा है। किसानों के अनुसार,लाल सड़न रोग से गन्ने की फसल सूख जाती है। इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है। चीनी मिल व गन्ना विभाग इस समस्या को लेकर कोई स्थायी उपाय नहीं खोज सका है। जिला गन्ना अधिकारी एसएल यादव ने अमर उजाला के प्रतिनिधि से बात करते हुए कहा की, किसानों को गन्ने की खेती करने के लिए गांव-गांव जाकर जागरूक किया जा रहा है। बेहतर पैदावार के बीज उपलब्ध कराए जाएंगें। मिझौड़ा चीनी मिल से भी वार्ता की जाएगी।

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