अयोध्या:गन्ना फसल पर कीट का हमला होने से किसान परेशान है।गन्ना एवं चीनी आयुक्त के निर्देश पर गठित विशेषज्ञ टीम ने मसौधा और रौजागांव चीनी मिल क्षेत्रों में गन्ना फसलों का निरीक्षण किया। टीम में उप गन्ना आयुक्त, जिला गन्ना अधिकारी, भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक और गन्ना शोध परिषद सेवरही केंद्र के विशेषज्ञ शामिल थे। भास्कर में प्रकाशित झबर के अनुसार, मसौधा क्षेत्र के अंकवारा डीह, रामपुर सरधा, भवानीपुर सहित कई गांवों में निरीक्षण के दौरान चोटी बेधक कीट का प्रकोप 3-4% और अंकुर बेधक कीट का 2-3% पाया गया। एक खेत में मोजैक रोग की मामूली उपस्थिति देखी गई, जबकि पायरिया और अन्य कीट-बीमारियों का प्रभाव कुछ हद तक कम है।
वैज्ञानिकों ने किसानों को कीट नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। चोटी बेधक कीट से प्रभावित पौधों को खुरपी से काटकर खेत से हटाने की सलाह दी गई। मई के पहले या दूसरे सप्ताह में प्रति एकड़ 150 मिली क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.पी. को 400 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करने का सुझाव दिया।लाल सड़न रोग के लिए प्रभावित पौधों को हटाने के बाद हैक्स स्टाप का 0.1% घोल 10 दिन के अंतराल पर डालने की सिफारिश की गई। वैज्ञानिकों ने किसानों से समय पर कीट-रोग प्रबंधन करने और उत्पादन बढ़ाने के लिए सुझाए गए उपायों को अपनाने की अपील की।