उत्तर प्रदेश: सठियांव चीनी मिल की गन्ना टिश्यू कल्चर प्रयोगशाला में पौधों का उत्पादन

आजमगढ़ : सठियांव चीनी मिल की गन्ना टिश्यू कल्चर प्रयोगशाला में पौधों का उत्पादन किया जा रहा है, और इस पौधों से गन्ना का उत्पादन बढ़ सकता है। इस साल प्रयोगशाला में गन्ना की पांच प्रजातियों के एक लाख 27 हजार पौधों को तैयार किया गया। हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर में कहा गया है की, टीश्यू कल्चर पौधों से तैयार गन्ना सात साल तक रोगमुक्त रहता है। इससे गन्ना का बेहर उत्पादन मिलता है। सठियांव चीनी मिल की टिश्यू कल्चर प्रयोगशाला में वैज्ञानिक विभिन्न प्रकार के केमिकल में गन्ना के उतक (कोशिका) से पौधा तैयार करते हैं। यहां पूरे साल गन्ना की पौध तैयार करने का काम चलता है।

खबर में आगे कहा गया है की, कई वैज्ञानिक प्रक्रियाओं के बाद तैयार पौधे चीनी मिल की पौधशाला में पहुंचते हैं। इसके बाद किसानों को उपलब्ध कराया जाता है। आनुवांशिक क्षमता खो चुकीं पुरानी प्रजातियों के स्थान पर रोग रहित प्रजाति का पौधा तैयार कर किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रयोगशाला में गन्ना की विभिन्न प्रजातियों के करीब एक लाख 27 हजार पौधे इस साल तैयार किए गए थे। फरवरी से मई माह तक टिश्यू कल्चर पौधा किसानों को उपलब्ध कराया गया है। इन पौधों से किसानों के साथ ही चीनी मिल को भी फायदा होगा। रोग रहित गन्ना की प्रजाति से गन्ना उत्पादन 15 प्रतिशत बढ़ेगा।

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