उत्तर प्रदेश: बरेली में गन्ना रकबे में 6449 हेक्टेयर की गिरावट

बरेली (उत्तर प्रदेश) : जिले में किसान गन्ना फसल से दुरी बनाते नजर आ रहे है। हाल ही में हए सर्वे में यह बात निकालकर सामने आई है। गन्ना रकबे में गिरावट के चलते चीनी मिलों को पेराई के वक़्त गन्ने की कमी का सामना करना पड़ सकता है। कुछ चीनी मिलों को तो समय से पहले ही पेराई बंद करनी पड़ेगी। ‘अमर उजाला’ में प्रकाशित खबर के अनुसार, एक मई से 30 जून तक हुए सर्वे के बाद पता चला है कि जिले में 1,01,321 हेक्टेयर में गन्ने की फसल है, जबकि पिछले साल 1,07,770 हेक्टेयर में गन्ने की फसल थी। इस बार 6,449 हेक्टेयर में गन्ने की फसल कम हो गई है।

वर्तमान गन्ना फसल सर्वे में पाया गया है कि इस बार नई फसल बोआई में भी गिरावट आई है। पिछले साल 92,878 हेक्टेयर में गन्ने की फसल बोई गई थी, जबकि इस बार 86,640 हेक्टेयर में गन्ने की फसल बोई गई है। इस तरह नई फसल बोआई भी पिछले साल की अपेक्षा इस बार 6238 हेक्टेयर क्षेत्रफल में कम हुई है, लेकिन, जिला गन्ना अधिकारी दिलीप कुमार सैनी का दावा है कि, इस बार फसल भले कम है, लेकिन गन्ना किसानों में वृद्धि हुई है। इस बार 3100 नए गन्ना किसान हैं।

जिला गन्ना अधिकारी ने बताया कि गन्ना फसल सर्वे पूरा होने के बाद अब उनकी टीमें गांवों में जाकर सर्वे और सट्टा प्रदर्शन के आंकड़े दिखा-सुना रहे हैं। पिछले साल का सप्लाई बेसिक कोटा भी बता रहे हैं। टीमें किसानों का मोबाइल नंबर, बैंक खाता भी अपडेट कर रही हैं। इसके लिए कुल 168 टीमें लगाई गई हैं। किसानों के बीच सर्वे और सट्टा प्रदर्शन का काम 30 अगस्त तक चलेगा।

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