हापुड़, उत्तर प्रदेश: गन्ना भुगतान प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाते हुए चीनी मिलों द्वारा सीधा किसानों के बैंक खातों में भुगतान करने का फैसला लिया गया है। यह फैसला गन्ना सहकारी समिति में आठ करोड़ रुपये के गबन के बाद लिया गया है। इस फैसले से गन्ना भुगतान में समितियों की मध्यस्थता खत्म हो जाएगी।किसानों को भुगतान बिना किसी देरी के मिल जाएगा।
‘अमर उजाला’ में प्रकाशित खबर के अनुसार, गन्ना किसानों और मिलों के बीच में समितियां मध्यस्थ होती हैं। मिलों के सभी संबंध समितियों के माध्यम से ही किसानों को लेनदेन किया जाता हैं। वहीं किसान भी अपनी समस्याओं व अन्य जरूरतों के लिए मिलों से संबंध गन्ना समितियों के माध्यम से ही करते हैं। मिलों से गन्ना बीज, गन्ना भुगतान, उर्वरक व कीटनाशक आदि का वितरण भी समितियों के द्वारा ही होता है। इसके बदले में मिलों द्वारा गन्ना समितियों को निर्धारित कमीशन दिया जाता है।जिससे समितियों की जरूरतों का बजट पूरा होता है।
खबर में कहा गया है की, पिछले दिनों गन्ना सहकारी समिति हापुड़ के सचिव व लिपिक ने धनराशि में घपला कर दिया। उन्होंने किसानों के गन्ना भुगतान का रुपया मिल के प्रबंधक व अन्य कर्मचारियों से मिलकर अपने व अपने संबंधियों के खातों में ट्रांसफर करा लिया। इसको लेकर मामला तूल पकड़ रहा है। किसानों का भुगतान नहीं हो पाने पर आरोपियों ने समिति की एक करोड़ की एफडी फर्जी हस्ताक्षर करके समय से पहले तुड़वा ली। उसकी धनराशि को खाते में डालकर पहले किसानों का भुगतान कराया गया। उसमें से बाकी बची धनराशि को आरोपियों ने तत्काल अपने खातों में ट्रांसफर कर लिया।