रुड़की : उत्तराखंड में बाढ़ के बाद अब गन्ना फसल पर रोगों का खतरा मंडरा रहा है। इससे प्रदेश के किसानों की मुसीबत और बढ़ने की संभावना है। साथ ही आगामी पेराई सीजन में मिलों को गन्ने की किल्लत हो सकती है। इसलिए इन रोगों की पहचान और रोकथाम के लिए गन्ना विभाग ने सोमवार से क्षेत्रीय सर्वेक्षण अभियान शुरू कर दिया है। हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के अनुसार, इकबालपुर गन्ना समिति की टीम ने आसपास के गांवों में जाकर गन्ने के खेतों का निरीक्षण प्रारंभ कर दिया है। ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक अमित सैनी ने बताया कि, हाल की बारिश के बाद गन्ने की फसल में रोगों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो सकता है। इसी को देखते हुए विभाग ने समय रहते फसल का विस्तृत सर्वेक्षण शुरू कर दिया है, ताकि संभावित नुकसान को रोका जा सके।
खबर में आगे कहा गया है की, टीम द्वारा खेतों में जाकर फसल में दिखने वाले रोगों के लक्षणों की पहचान की जा रही है और संबंधित किसानों को उपचार के सुझाव दिए जा रहे हैं। अमित सैनी ने किसानों से अपील की है कि यदि उन्हें अपनी फसल में किसी भी प्रकार की बीमारी के लक्षण दिखाई दें, तो वे तुरंत संबंधित गन्ना पर्यवेक्षक को सूचित करें, ताकि समय रहते उचित उपचार किया जा सके और किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके।