नई दिल्ली: सीआईआई द्वारा आयोजित जैव-ऊर्जा शिखर सम्मेलन में बोलते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, केंद्र सरकार देश में एथेनॉल पंप स्थापित करने की नीति पर काम कर रहा है। मैं 15 दिनों में पेट्रोलियम मंत्री से मिलूंगा ताकि एथेनॉल पंप स्थापित करने के लिए नीति बनाई जा सके। उन्होंने कहा, देश में एथेनॉल उत्पादन क्षमता बहुत बड़ी है और बांग्लादेश से भी इसकी मांग है।
मंत्री गडकरी ने कहा कि, पेट्रोल में 20 फीसदी तक एथेनॉल मिलाने पर 1000 करोड़ लीटर एथेनॉल की जरूरत होती है। अब बजाज, हीरो और टीवीएस के पास ऐसी मोटरसाइकिलें तैयार हैं, जो 100% बायोएथेनॉल पर चल सकती हैं। हमारे पास इस पर चलने वाले ऑटो रिक्शा भी हो सकते हैं। उन्होंने कहा, भारत आयात निर्भरता में कटौती और स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए जीवाश्म ईंधन से चलने वाले वाहनों को वैकल्पिक ईंधन से बदलने पर जोर दे रहा है। गडकरी के मुताबिक, देश का 16 लाख करोड़ रुपये का ईंधन आयात बिल एक चुनौती है, जिसे दूर करने की जरूरत है।
स्थापित किए गए एथेनॉल वितरण आउटलेट की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए, उन्होंने कहा, हमारे पास पुणे में तीन एथेनॉल पंप हैं, लेकिन अब हमें फ्लेक्स ईंधन पर चलने और पंपों के साथ समन्वय करने के लिए स्कूटर और रिक्शा की आवश्यकता है। इसे उत्तर प्रदेश में फैलाया जा सकता है और राज्य में सभी स्कूटर और ऑटो रिक्शा बायो-एथेनॉल पर चल सकते हैं।


















