भ्रस्टाचार पर मोदी सरकार का प्रहार: 15 इनकम टैक्स अधिकारियों को किया जबरन रिटायर

आयकर विभाग के घूसखोर अधिकारियों को मोदी सरकार लगातार जबरन रिटायर कर रही है। सरकार ने भ्रष्टाचार और सीबीआई जांच दायरे में आए आयकर विभाग के 15 वरिष्ठ अधिकारियों को अनिवार्य रूप से रिटायर कर दिया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा अनिवार्य रुप से सेवानिवृत किये गए अधिकारियों में प्रमुख आयुक्त, आयुक्त, संयुक्त आयुक्त, अतिरिक्त आयुक्त और अन्य पदों के अधिकारी है। आयकर के इन उच्च पदस्थ अधिकारियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त करने का निर्णय फंडामेंटल रुल 56 (जे) के तहत लिया गया।

एक इंटरव्यू में मोदी ने कहा था कि कर प्रशासन में कुछ अधिकारी अपने पावर का दुरुपयोग कर रहे हैं। ये ईमानदार करदाताओं को छोटी छोटी मामूली और प्रक्रियात्मक उल्लंघनों के लिए अत्यधिक कार्रवाई करके परेशान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने हाल ही अनेक कर अधिकारियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त करने का बड़ा कदम उठाया और हम इस प्रकार के व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

सरकार ने साल के आरंभ में 49 उच्च श्रेणी के कर अधिकारियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त किया था, जिनमें से 12 अधिकारी सीबीडीटी के थे। इनमें से ज्यादातर अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले थे। एक अधिकारी को 15,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया, जबकि कई के पास आय से अधिक संपत्ति थी। यह अधिकारियों की चौथी ऐसी सूची है। जून में, सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीबीआईसी के 15 आयुक्त स्तर के अधिकारियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया था, इनमें कई पर रिश्वत, तस्करी और यहां तक कि आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया था। इससे पहले, 12 आईआरएस अधिकारियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त होने के लिए कहा गया था और अन्य 22 सीबीआईसी अधिकारियों को इस साल अगस्त में सेवानिवृत्त होने के लिए कहा गया।

यह न्यूज़ सुनने के लिए इमेज के निचे के बटन को दबाये.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here