बिहार में एथेनॉल उद्योग के लिए 30 हजार करोड़ रुपये के प्रस्ताव प्राप्त

पटना: बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने शुक्रवार को कहा कि, सरकार को राज्य में एथेनॉल उद्योग की स्थापना के लिए 30,000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, और सरकार जल्द ही नया कपड़ा और लेदर नीति पेश करेगी। हुसैन ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए एनडीए शासन के तहत राज्य के विकास के लिए बिहार सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा कि कई बड़ी कंपनियां एथेनॉल प्लांट स्थापित करने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा कि सरकार नई चमड़ा और कपड़ा नीति पेश करने पर विचार कर रही है और दावा किया कि सरकार सिर्फ नींव रखने के बजाय परियोजना के उद्घाटन में विश्वास करती है।

औद्योगीकरण की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए कदमों को रेखांकित करते हुए, हुसैन ने कहा कि उद्योगों की स्थापना के प्रस्ताव को 7 दिन के भीतर घोषित किया जाएगा।

केंद्र सरकार ने क्रूड आयल आयात पर निर्भरता कम करने के लिए एथेनॉल उत्पादन को बढावा दिया है। बिहार की नई एथेनॉल नीति से प्रदेश में इन्वेस्टमेंट बढ रही है। कई सारे उद्यमी बिहार में एथेनॉल प्लांट स्थापित करने के लिए उत्सुक है।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 जून, 2021 को साल 2025 तक भारत में एथेनॉल सम्मिश्रण के लिए रोडमैप पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, 20 फीसदी एथेनॉल ब्लेंडिंग पहुंच के भीतर है। 2025 तक 20 प्रतिशत एथेनॉल सम्मिश्रण से देश को अत्यधिक लाभ मिल सकता है, जैसे प्रति वर्ष 30,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत, ऊर्जा सुरक्षा, कम कार्बन उत्सर्जन, बेहतर वायु गुणवत्ता, आत्मनिर्भरता, क्षतिग्रस्त खाद्यान्न का उपयोग के साथ साथ किसानों की आय, रोजगार और निवेश के अधिक अवसर निर्माण होंगें।

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