भारत-इंडोनेशिया समन्वित गश्त अभियान के 39वें संस्करण का आयोजन

भारतीय नौसेना और इंडोनेशियाई नौसेना के बीच संचालित होने वाले इंडिया-इंडोनेशिया कोऑर्डिनेटेड पेट्रोल (इंडिया-इंडो कार्पेट) का 39वां संस्करण 08 से 19 दिसंबर, 2022 तक आयोजित किया जा रहा है। भारतीय नौसेना के युद्धपोत (आईएनएस) करमुक ने इंडोनेशिया के बेलावन में तैनाती से पूर्व ब्रीफिंग में भाग लिया। करमुक एक स्वदेश निर्मित मिसाइल कार्वेट है। गश्ती अभियान को 15 से 16 दिसंबर, 2022 तक अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) के साथ आयोजित किया जाएगा और पोर्ट ब्लेयर में एक डीब्रीफ के साथ संपन्न होगा। आईएनएस करमुक के साथ, एल-58 (स्वदेश निर्मित लैंडिंग क्राफ्ट यूटिलिटी जहाज) और डोर्नियर मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट गश्त गतिविधि में भाग लेंगे। इंडोनेशियाई पक्ष का प्रतिनिधित्व पट्टिमुरा क्लास कार्वेट के एक कप्तान केआरआई कट न्याक दीन करेंगे।

भारत सरकार के सागर दृष्टिकोण (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा एवं विकास) के हिस्से के रूप में भारतीय नौसेना इस समुद्री इलाके की समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में आने वाले देशों के साथ सक्रिय रूप से संलग्न रही है। वाणिज्यिक नौवहन, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एवं वैध समुद्री गतिविधियों के संचालन के लिए आईओआर के इस महत्वपूर्ण हिस्से को सुरक्षित तथा संरक्षित रखने के उद्देश्य से भारत और इंडोनेशिया वर्ष 2002 से साल में दो बार गश्ती अभ्यास कर रहे हैं। इस तरह के नौसैन्य सहयोग दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच आपसी समझ व पारस्परिकता बढ़ाने में सहायता करते हैं। इन गतिविधियों से अवैध अप्रतिबंधित अनियमित (आईयूयू) मछली पकड़ने, मादक पदार्थों की तस्करी, समुद्री आतंकवाद, सशस्त्र डकैती और समुद्री लूट को रोकने तथा उपद्रवियों को दबाने के उपायों की प्रक्रिया को सुविधाजनक व सरल बनाते हैं। यह आगे चलकर तस्करी, अवैध आप्रवासन की रोकथाम और समुद्र में तलाश तथा बचाव (एसएआर) अभियान के संचालन के लिए सूचना के आदान-प्रदान द्वारा परिचालन तालमेल को बढ़ाने में मदद करता है।

भारत और इंडोनेशिया के बीच पारंपरिक रूप से करीबी एवं मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं, जिसमें गतिविधियों तथा बातचीत का एक व्यापक स्पेक्ट्रम शामिल है। इंडिया-इंडो कॉर्पैट का 39वां संस्करण दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच समुद्री सहयोग को बढ़ाने और भारत तथा इंडोनेशिया के बीच मित्रता के मजबूत बंधन को और सुदृढ़ करने का प्रयास करता है।

(Source: PIB)

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