नई दिल्ली: समाज के जरूरतमंद वर्ग को सहजता से रियायती राशन प्रदान करने और राशन कार्डों के दुरुपयोग को रोकने के प्रयास में, सरकार ने पिछले सात वर्षों में 4.39 करोड़ राशन कार्डों को रद्द कर दिया है।
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा कि यह कदम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत लाभार्थियों के सही लक्ष्य के लिए बनाया गया है।
एनएफएसए के तहत टीपीडीएस के जरिए 81.35 करोड़ लोगों को बेहद कम कीमत में खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है, जो कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुरूप देश की जनसंख्या का दो तिहाई लोग हैं। वर्तमान में देश के 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को केन्द्र द्वारा जारी बेहद रियायती दरों- तीन रुपये, दो रुपये और एक रुपये प्रति किलोग्राम की दर से हर महीने एनएफएसए के तहत खाद्यान्न (चावल, गेहूं और अन्य मोटे अनाज) उपलब्ध कराया जा रहा है।
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