वार्षिक आडिट प्रतिवेदन में गन्ना मूल्य टैंगिग आदेशों का अनुपालन, चीनी बिक्री, शीरा बिक्री, बैगास बिक्री तथा स्क्रैप की नीलामी से सम्बन्धित सम्पूर्ण ब्यौरे आदि दर्ज किये जायेंगे

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सहकारी चीनी मिल इकाईयों के वित्तीय वर्ष 2019-20 के लाभ-हानि के ब्यौरे, प्राप्तियों, परिसम्मपत्तियों, बैलेन्सशीट एवं दायित्वों की निष्पक्ष जाँच एवं सम्परीक्षा हेतु निबन्धक, सहकारी चीनी मिल समितियाँ, उ.प्र. श्री संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा वर्तमान में संचालित 24 सहकारी चीनी मिलों, 04 बन्द सहकारी चीनी मिलों व चीनी मिल संघ का ऑडिट करने वाले चार्टेड एकाउन्टेन्ट हेतु विस्तृत दिषा-निर्देष पारित किये हैं।

इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए श्री भूसरेड्डी ने बताया कि सम्बन्धित चार्टर्ड एकाउंटेन्ट एक माह के अन्दर आवंटित कार्य समाप्त करके हानि-लाभ के ब्यौरे से संबंधित ऑडिट प्रतिवेदन निर्धारित समय पर प्रस्तुत करेंगे। चार्टर्ड एकाउंटेन्टों को सहकारी चीनी मिलों की टैक्स ऑडिट रिपोर्ट भी आयकर विभाग को समयान्तर्गत आन-लाईन प्रेषित करनी होगी तथा आयकर अधिनियम 1961 की धारा-44 के प्राविधानों के अनुरूप वार्षिक ऑडिट प्रतिवेदन प्रस्तुत करना होगा। उन्होंने यह भी बताया कि वार्षिक प्रतिवेदन में गन्ना मूल्य टैंगिग आदेशों का अनुपालन, चीनी की बिक्री के निर्धारित प्रतिशत के साथ-साथ चीनी बिक्री, शीरा बिक्री, बैगास बिक्री से सम्बन्धित सम्पूर्ण ब्यौरे आदि दर्ज किये जायेंगे।

उन्होंने यह भी बताया कि सहकारी चीनी मिलों की सम्परीक्षा में समस्त इकाईयों के वास्तविक व्यय से संबंधित औचित्य, मरम्मत, खरीद, संचालन व्यय, कर्मचारियों को दिये गये अग्रिमों तथा उसकी वसूली, इकाईयों द्वारा लिये गये ऋण तथा उसके देयता की स्थिति का परीक्षण भी अनिर्वाय रूप से कराया जायेगा।

श्री भूसरेड्डी ने यह भी बताया कि वर्ष 2019-20 का सम्परीक्षा प्रतिवेदन तैयार करने के दौरान सभी सहकारी चीनी मिल इकाईयां तथा उ.प्र. सहकारी चीनी मिल संघ इस प्रतिवेदन को तैयार करने में चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट को सहयोग प्रदान करेंगे तथा समय≤ पर आवश्यक अभिलेख उन्हें उपलब्ध करायेंगे। ऑडिट कार्य में चार्टर्ड एकाउन्टेन्टों को विशेष सतर्कता बरतने के कड़े निर्देश देते हुए किसी भी प्रकार के फर्जी आकड़ों को प्रतिवेदन में शामिल न किये जाने, पूर्ण निष्ठा एवं पारदर्शिता से कार्य को सम्पन्न करने की अपेक्षा की गयी है। आडिट कार्य में फर्जी आंकडे शामिल करने, गबन, चोरी व हानि आदि को छुपाने वाले चार्टेड एकान्टेन्ट के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करा कर आवष्यक कार्यवाही की जाएगी।

श्री भूसरेड्डी ने यह भी बताया कि सहकारी चीनी मिलों का निष्पक्ष ऑडिट कराये जाने से संस्थाओं के वित्तीय प्रबन्धन में सुधार आयेगा तथा लेखापरीक्षा परिणामों को शासन एवं जन-सामान्य के संज्ञान में लाने से पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।

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