खुदरा चीनी की कीमतों में पिछले 10 वर्षों में औसत मुद्रास्फीति लगभग 2 प्रतिशत प्रति वर्ष रही है: सरकार

सरकार का कहना है की आने वाले आगमी त्योहारों के सीजन में चीनी सहित अन्य खाद्य वस्तुओं की कीमते स्थिर रहेगी। कल यह जानकारी खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव संजीव चोपड़ा ने दी और कहा कि कीमतों को स्थिर रखने के लिए सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गये हैं।

सरकार के मुताबिक, भारत में अंतरराष्ट्रीय चीनी का मूल्य 12 वर्ष की ऊंचाई पर होने के बावजूद भारत में चीनी विश्व में सबसे सस्ती है और देश में खुदरा चीनी की कीमतों में केवल मामूली बढ़ोतरी हुई है, जो किसानों के लिए गन्ने के एफआरपी में वृद्धि के अनुरूप है। खुदरा चीनी की कीमतों में पिछले 10 वर्षों में औसत मुद्रास्फीति लगभग 2 प्रतिशत प्रति वर्ष रही है।

चीनी (कच्ची चीनी, सफेद चीनी, परिष्कृत चीनी और जैविक चीनी) के निर्यात पर प्रतिबंध की तिथि 31 अक्टूबर, 2023 से अगले आदेश तक बढ़ा दिया गया है। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उपभोक्ताओं को चीनी की उपलब्धता में किसी तरह की बाधा न हो।

गन्ने और चीनी को लेकर उचित सरकारी नीतियों से चीनी मिलों ने लगभग 1.09 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया है और इस प्रकार सीजन 2022-23 के 95 प्रतिशत से अधिक गन्ना बकाया का भुगतान किया है, जबकि पिछले सीजन के 99.9 प्रतिशत गन्ना बकाया का भुगतान किया गया है। इस प्रकार गन्ने का बकाया अब तक के न्यूनतम स्तर पर है और शेष बकाया राशि को भी जल्द से जल्द चुकाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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