पटना: बिहार आने वाले कुछ सालों में एथेनॉल हब के रूप में उभरने की संभावना काफी बढ़ गई है। बडे बडे कंपनियों की बिहार में एथेनॉल परियोजनाएं शुरू करने में दिलचस्पी काफी बढ़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेट्रोल में एथेनॉल सम्मिश्रण को लेकर बड़ी पहल शुरू की है, और इस पहल में बिहार बड़ा योगदान देने के लिए तैयार है।
लाइव हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के मुताबिक, पिछले चार-पांच वर्षों में राज्य सरकार द्वारा एथेनॉल सेक्टर में 32,454 करोड़ के निवेश प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। पहले चरण में 159 परियोजनाओं को स्वीकृति मिली है। एथेनॉल सेक्टर में हो रहे निवेश के कारण राज्य में हजारों लोगों को रोजगार के अवसर निर्माण होने की संभावना है। राज्य सरकार ने इस दौरान 57,069.41 करोड़ के निवेश प्रस्तावों को हरी झंडी दी है। इनमें तीन सेक्टरों पर ही निवेशकों का पूरा फोकस रहा है। जिसमें खाद्य प्रसंस्करण,एथेनॉल और नवीकरणीय ऊर्जा शामिल हैं।
आपको बता दे, बिहार देश का पहला राज्य था जिसने एथेनॉल पॉलिसी पेश की थी। जिसके बाद से राज्य में कई उद्योगपतियों ने एथेनॉल यूनिट स्थापित करने में रूचि दिखाई थी।