बिहार: गन्ना फसल के नुकसान का भी होगा आकलन

पटना: कृषि विभाग ने पिछली प्रथाओं से हटकर 28 बाढ़ प्रभावित जिलों के डीएम को बारिश और बाढ़ दोनों के कारण किसानों को हुई फसल की क्षति का आकलन करने के लिए कहा है। कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने मंगलवार को मीडियाकर्मियों से कहा कि, मुखयमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर नए सिरे से मूल्यांकन के आदेश दिए गए हैं। हालांकि इस वर्ष गन्ने की खड़ी फसल को हुए नुकसान का आकलन भी किसानों को मुआवजे के लिए किया जाएगा, जैसे धान और अन्य खरीफ फसलों के मामले में हुआ है। प्रमुख गन्ना उत्पादक जिले पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण और सीतामढ़ी में गन्ना फसल को काफी नुकसान हुआ हैं।

राज्य में मई के अंतिम सप्ताह से भारी बारिश शुरू हो गई थी। कई खेत बारिश के पानी से भर गए थे और उन खेतों में धान का रोपण नहीं किया जा सका था। कृषि विभाग ने शर्त रखी है कि जिन खेतों में इस साल खरीफ की फसल नहीं हो सकी है, उनके पास पिछले तीन वर्षों में की गई फसल का रिकॉर्ड होना चाहिए।इसके अलावा, मानसून की औपचारिक शुरुआत के साथ, बाढ़ के पानी ने फसली भूमि को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया। बाढ़ के पानी से धान और दलहन जैसी खरीफ फसलों को नुकसान पहुंचा है।

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