चालू रबी विपणन मौसम (आरएमएस) 2023-24 के दौरान गेहूं की खरीद सुचारू रूप से जारी है। इस मौसम में 30.05.2023 तक गेहूं की खरीद 262 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) हुई। पिछले वर्ष की 188 लाख मीट्रिक टन खरीद की तुलना में 74 लाख मीट्रिक टन अधिक खरीद हुई है। सरकार ने खरीद के लिए 47,000 करोड़ रुपये का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) रखा है, जिससे 21.27 लाख किसान पहले ही लाभान्वित हो चुके हैं। गेहूं की खरीद में प्रमुख योगदान पंजाब, मध्य प्रदेश और हरियाणा ने दिया है। पंजाब ने 121.27 लाख मीट्रिक टन, मध्य प्रदेश ने 70.98 लाख मीट्रिक टन और हरियाणा ने 63.17 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा है।
इस वर्ष भारत सरकार ने बेमौसम वर्षा के कारण गेहूं के गुणवत्ता निर्देशों में छूट प्रदान की है। सरकार द्वारा किये गये विभिन्न उपायों में ग्राम पंचायत स्तर पर गेहूं खरीद केन्द्र खोला जाना; सहकारी समितियों/ग्राम पंचायतों/आढ़तियों आदि के माध्यम से खरीद करना; बेहतर पहुंच के लिए नामित खरीद केंद्रों के अलावा और खरीद कार्यों के लिए किसान उत्पादन संगठनों (एफपीओ) को शामिल करने की अनुमति प्रदान करना शामिल है।
धान की खरीद भी सुचारू रूप से चल रही है। खरीफ विपणन मौसम (केएमएस) 2022-23 की खरीफ फसल के दौरान 30.05.2023 तक 385 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) चावल की खरीद की जा चुकी है। अभी 110 एलएमटी की खरीद बाकी है। इसके अलावा खरीफ विपणन मौसम 2022-23 की रबी फसल के दौरान 106 एलएमटी चावल की खरीद का अनुमान लगाया गया है।
केन्द्रीय पूल में गेहूं और चावल की संयुक्त स्टॉक स्थिति 579 एलएमटी (गेहूं 312 एलएमटी और चावल 267 एलएमटी) से अधिक है। देश में खाद्यान की स्थिति आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए संतोषजनक है।
(Source: PIB)