नई दिल्ली : चीनी मंडी
कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP/ सीएसीपी ) ने केंद्र सरकार को किसानों के लाभ के लिए भारत में चीनी व्यापार के लिए एक दोहरी मूल्य नीति तैयार करने की सिफारिश की है। सीएसीपी एक विकेन्द्रीकृत एजेंसी जो कृषि वस्तुओं पर सरकार को सुझाव देती है। सीएसीपी के चेयरमैन विजय पॉल शर्मा ने कहा, सरकार को रसोई के उपभोक्ताओं के लिए उचित मूल्य और उपलब्धता की लागत के आधार पर औद्योगिक उपयोगकर्ताओं के लिए उच्च कीमतों पर विचार करना चाहिए।
भारत में उत्पादन अनुमान कम होने और निर्यात की संभावनाओं में सुधार के कारण बाजारों में चीनी की कीमतों में मामूली वृद्धि हुई है। केंद्र सरकार ने देश भर में चीनी की न्यूनतम बिक्री मूल्य 31 रुपये प्रति किलोग्राम निर्धारित किया है। खबरों के मुताबिक, कोल्ड ड्रिंक सहित कॉरपोरेट या थोक उपभोक्ता और मीठाई निर्माता भारत के अनुमानित 260 लाख टन सालाना चीनी की खपत का लगभग 60 प्रतिशत इस्तेमाल करते हैं। रसोई उपभोक्ताओं की हिस्सेदारी केवल 40 फीसदी है। ऐसा कहा जा रहा है की चीनी की औद्योगिक खपत बेरोकटोक बढ़ रही है, लेकिन रसोई का उपयोग कम हो रहा है।
उत्तर प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने कहा की, कॉर्पोरेट उपभोक्ताओं के लिए उच्च मूल्य में चीनी बिक्री मिलों को अपनी आय बढ़ाने में मदद करेगा जो कि गन्ने के बकाया की तेजी से भुगतान कर सकते है। इसके साथ, किसानों को अधिक गन्ना उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिसमें अन्य कृषि उत्पादों की तुलना में अधिक आय हुई है। हम ऐसी सभी पहलों का समर्थन करते हैं जिससे किसानों को फायदा हो।
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