जिला बैंक ने बिक्री के लिए निविदाएं मंगाई; भाजपा जिलाध्यक्ष, राकांपा, शिवसेना के विधायकों से संबंधित उद्योग
कोल्हापुर : केन एग्रो एनर्जी (रायगाव, तहसील कडेगांव), स्वामी रामानंदभारती सहकारी स्पिनिंग मिल (तासगांव) और खानापुर तालुका को-ऑपरेटिव स्पिनिंग मिल (विटा-गार्डी) की संपत्तियों की बिक्री के लिए जिला सहकारी बैंक ने निविदाएं आमंत्रित की हैं।
जिला बैंक द्वारा कार्रवाई किए गए उद्योग भाजपा जिला अध्यक्ष तथा विधायक पृथ्वीराज देशमुख, राकांपा विधायक सुमनताई पाटिल, शिवसेना विधायक अनिल बाबर से संबंधित हैं। जिला बैंक की कार्रवाई से राजनीतिक क्षेत्र में खलबली मच गई है।
केन एग्रो पर जिला बैंक का 189.34 करोड़ रुपये कर्जा बकाया है। स्वामी रामानंदभारती को-ऑपरेटिव स्पिनिंग मिल पर 56.47 करोड़ और खानापुर तालुका को-ऑपरेटिव स्पिनिंग मिल पर 28 करोड़ 21 लाख रुपये का कर्जा है। जिला बैंक ने सिक्योरिटाइजेशन एक्ट के तहत बकाया कर्ज की वसूली के लिए इन संस्थानों को अपने कब्जे में ले लिया है। इन संस्थानों की बिक्री के लिए निविदाएं मंगाई गई हैं। निविदा आवेदन भरने की अंतिम तिथि 3 जुलाई और निविदा खोलने की तिथि 6 जुलाई है।
जिला बैंक ने बकाया ऋण राशि की वसूली के लिए केन एग्रो फैक्ट्री की जब्त अचल संपत्ति और मशीनरी की बिक्री के लिए निविदाएं मांगी हैं। रायगांव क्षेत्र में मिल की 37.18 हेक्टेयर भूमि,इमारतें, मिल, डिस्टलरी प्लांट और मशीनरी की बिक्री के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं।बैंक ने नीलामी के लिए आरक्षित मूल्य 114.33 करोड़ रुपये निर्धारित किया है।
बैंक ने कहा है की, स्वामी रामानंदभारती को-ऑपरेटिव स्पिनिंग मिल की 13.90 हेक्टेयर जमीन, इमारत, संयंत्र और मशीनरी की नीलामी की जाएगी। इसके लिए आरक्षित मूल्य 57 करोड़ रुपये तय किया गया है।खानापुर तालुका को-ऑपरेटिव स्पिनिंग मिल्स लिमिटेड के ऋण की वसूली के लिए जब्त अचल संपत्ति की बिक्री के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं।जिसमें 13.44 हेक्टेयर भूमि और भवनों की बिक्री की निविदाएं शामिल हैं। जिला बैंक द्वारा इसका आरक्षित मूल्य 28 करोड़ रुपये तय किया गया है।
लॉकडाउन के कारण खरीद प्रक्रिया हुई बाधित
जिला बैंक ने दो बार मानगंगा शुगर फैक्ट्री (आटपाडी), महांकाली शुगर फैक्ट्री (कवठेमहांकाल), डिवाइन फूड्स (पलूस), शेतकरी विणकरी मिल (इस्लामपुर), प्रतिभा इंडस्ट्रीज (इस्लामपुर), विजयलक्ष्मी कॉटन मिल्स (आटपाडी) की बिक्री के लिए निविदाएं मंगवाई थीं।कोई भी टेंडर न मिलने के कारण, जिला बैंक ने खुद ही टेंडर भरा था, लेकिन लॉकडाउन के कारण खरीद प्रक्रिया बाधित हुई।
निदेशकों से शेष ऋण वसुला जाएगा
जिला बैंक ने कहा कि, टेंडर खोलने से पहले ऋण, बकाया राशि का पूरा भुगतान किया जाना चाहिए।अगर नीलामी से पूरा कर्ज नही वसुला गया तो फिर निदेशकों द्वारा ऋणों की वसूली की जाएगी।
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