नई दिल्ली : चीनी मंडी
COVID-19 के प्रकोप के कारण देश के नई दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद जैसे कई शहरों में लोग खाद्य वस्तुओं और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए भाग रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया है कि, देश में संघीय और राज्य-आरक्षित भंडार में पर्याप्त खाद्यान्न भंडार हैं। किसी भी संकट से निपटने के लिए आवश्यक आपातकालीन बफर स्टॉक कई गुना ज्यादा है, इसलिए लोगों को डरने की बिल्कुल ही जरूरत नही है। खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने मास्क और सेनिटाइज़र इन वस्तुओं की उपलब्धता और सही मूल्य निर्धारण सुनिश्चित करने के लिए 30 जून, 2020 तक आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत लायाहैं। अधिनियम के तहत, निर्माताओं के साथ चर्चा के बाद, राज्य सरकारे निर्माताओं से मास्क और सैनिटाइटर के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कह सकते हैं।
…तब 500,000 से अधिक राशन दुकानों के जरिये होगा खाद्यान्न वितरण
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि, भारत में इस समय लगभग 10 गुना आपातकाल भंडार की आवश्यकता है और देश के 500,000 से अधिक राशन दुकानों को किसी भी आपात स्थिति में बड़े पैमाने पर खाद्यान्न वितरण से निपटने के लिए इस्तेमाल किए जाने की संभावना है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने कहा कि, आवश्यक वस्तुओं की कमी महसूस होने पर (मुख्य रूप से गेहूं, चावल, चीनी और दालें) सरकार हस्तक्षेप कर सकती है। मंत्रालय का ग्रुप आवश्यक वस्तुओं की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख उद्योगों के साथ बातचीत कर रहा है, क्योंकि तेजी से फैलने वाले कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर कई सारे लोग बेवजह घरेलू वस्तुओं का स्टॉक कर रहे हैं।
यह न्यूज़ सुनने के लिए प्ले बटन को दबाये.