केंद्र सरकार को चीनी निर्यात पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए: पूर्व सांसद राजू शेट्टी

कोल्हापुर: चीनी मंडी

कोरोना वायरस महामारी का मुकाबला करने के लिए कई देशों ने लॉकडाऊन किया है, जिससे सारी दुनिया लॉकडाऊन की स्थिति में है। इस स्थिती का सीधा असर चीनी उद्योग और गन्‍ना किसानों पर हो रहा है। भारत में घरेलू इस्तेमाल के लिए चीनी की बिक्री होती है, और मिठाइयों, फार्मास्यूटिकल्स और पेय पदार्थों में भी चीनी का बडी मात्रा में उपयोग किया जाता है। वर्तमान में, लॉकडाऊन के कारण ये सभी उद्योग भी बंद हैं। इस पृष्ठभूमि पर स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के संस्थापक और पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने चीनीमंडी से बातचीत में कहा कि, 2020-21 के पेराई सत्र में चीनी और गन्ने के लिए बेहतर दर प्राप्त करने के लिए चीनी को निर्यात करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

शेट्टी ने कहा कि, गर्मियों की शुरुआत के बाद कोल्ड्रींक्स, मिठाई, दवाईयां उत्पादन सहित अन्य उद्देश्यों के लिए चीनी की अच्छी मांग रहती है। अब दुनिया भर में लॉकडाऊन है, इसलिए चीनी की बिक्री बिल्कुल ठप हुई है। मिलों के गोदामों मे चीनी की बोरियों का ढेर लगा हुआ है। चीनी की जल्द से जल्द और ज्यादा से ज्यादा बिक्री होना जरूरी है, लेकिन लॉकडाऊन की स्थिती और कितने दिनों तक रहेगी इसका कोई अंदाजा नही। इससे चीनी उद्योग काफी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। इस साल चीनी बेचने की चुनौती और अगले सीजन 2020-21 में उत्पादित चीनी को देखते हुए, केंद्र सरकार को चीनी निर्यात करने पर ध्यान देना चाहिए। तभी चीनी मिलों सहित किसानों को गन्ने का बेहतर पैसा मिल सकेगा।

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