नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली सरकार से पराली जलाने से रोकने के लिए प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने इस मिशन को प्राप्त करने के लिए सभी केंद्रीय मदद का वादा किया और कहा कि यह इन राज्यों पर एक तरह का अभिशाप है, क्योंकि नकारात्मक मीडिया प्रचार के कारण उन्हें जनता के गुस्से का सामना करना पड़ता है। मंत्री तोमर ने कहा, इस वित्तीय वर्ष में राज्यों को पहले ही 600 करोड़ रुपये प्रदान किए जा चुके हैं और उनके पास 300 करोड़ रुपये की अव्ययित राशि है, जिसका उचित उपयोग किया जाना चाहिए। इसके अलावा, लगभग 2 लाख मशीनें राज्यों को उपलब्ध कराई गई हैं। केंद्र और संबंधित राज्यों को संयुक्त रूप से एक दीर्घकालिक योजना तैयार करनी चाहिए और एक निर्दिष्ट समय-सीमा के भीतर जीरो स्टबल बर्निंग के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बहु-आयामी गतिविधियां करनी चाहिए।
मंत्री तोमर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली सरकार के अधिकारियों, कृषि और किसान कल्याण विभाग और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के अधिकारियों के साथ की गई कार्रवाई पर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक कर रहे थे। मंत्री तोमर ने राज्यों के अधिकारियों से किसानों को जागरूक करने के लिए आईईसी गतिविधियों को मजबूत और व्यापक बनाने के लिए कहा कि पराली जलाने से यूरिया के अति प्रयोग की तरह लंबे समय में मिट्टी की उर्वरता का नुकसान होता है। आपको बता दे की, पिछले चार वर्षों के दौरान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की राज्य सरकार ने छोटे और सीमांत किसानों को मशीन और उपकरण उपलब्ध कराने के लिए फसल अवशेष प्रबंधन मशीनरी के 38422 से अधिक कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित किए हैं।