रीगा चीनी मिल के चेयरमैन ने आर्थिक संकट के लिए राज्य सरकारी नीति को ठहराया दोषी

सीतामढ़ी (बिहार)। यहां की रीगा चीनी मिल ने अपने मौजूदा आर्थिक संकट के लिए राज्य सरकार की नीति को दोषी ठहराया और कहा है कि मदद नहीं मिलने की वजह से ही वह गन्ना किसानों को बकाया भुगतान नहीं कर पा रही है।

मिल के चेयरमैन ओमप्रकाश धानुका ने राज्य सरकार पर यह आरोप मिल के अतिथिगृह में मंगलवार को आयोजित किसानों की एक बैठक में लगाया। उन्होंने कहा कि पिछले साल की प्राकृतिक आपदाओं में मिल को बहुत नुकसान हुआ तथा इसकी मरम्मत में करीब 11 करोड़ रुपये खर्च हुए। मुख्यमंत्री से कई बार अनुरोध के बाद भी उन्हें मिलने का समय नहीं मिला, बल्कि परोक्ष रूप से मिल को बेच देने को कहा गया। पिछले 6 साल से भयंकर आर्थिक संकट झेल रही यह मिल अब सुचारू रूप से चल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार यदि 40 करोड़ का कर्ज दे तो मिल किसानों का भुगतान तत्काल कर देगी।

बता दें कि गत वर्ष मजदूर नेता ओमप्रकाश पटेल के हत्या मामले में धानुका आरोपी थे। जमानत मिलने के बाद वे पहली बार किसानों से मिले। बैठक में गन्ना किसानों और चेयरमैन के बीच बकाया भुगतान को लेकर बहस भी हुई। उन्होंने किसानों से सहयोग की अपील की और कहा कि मिल की आर्थिक स्थिति अच्छी होते ही किसानों के करोड़ों रुपये बकाया भुगतान के साथ ही बैंकों के कर्ज भी चुका दिये जाएंगे। इस पर कुछ किसान बैठक से चले गए। बैठक में मिल के कई अधिकारी और सैकड़ों की संख्या में किसान उपस्थित थे।

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