लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने अपने प्रदेश के मजदूरों के देशभर में लॉकडाउन के दौरान फंसने से बचाने के लिए सुविधा प्रदान करने की घोषणा की। बसों से इन प्रवासी मजदूरों को लाने की व्यवस्था की। उत्तर प्रदेश उन पहले राज्य में से एक था जिसने अपने प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए बस का इंतजाम किया।
द हिंदू में प्रकाशित खबर के मुताबिक, उनके इस कार्य को देखते हुए पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक औऱ गुजरात के मुख्यमंत्रियों ने इन मजदूरों को वापस न बुलाने की अपील की ताकि लॉकडाउन खुलने पर उनके राज्य में श्रमिकों की कमी न हो और आर्थिक गतिविधियां चलती रही। उन्होंने योगी से कहा कि वे इन मजदूरों के लिए सारी व्यवस्था करने के लिए तैयार हैं।
एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा एक महीने पहले योगीजी ने कृषि उपज आयुक्त आलोक सिन्हा के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया। इस समिति का उद्देश्य प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के तरीकों का पता लगाना था। हमें जो लक्ष्य दिया गया है, वह लगभग 15 लाख नौकरियों का है, अकेले मेरे विभाग में पांच लाख नौकरियों का लक्ष्य हमने बनाया है।
समिति की स्थापना के तीन सप्ताह बाद ही आदित्यनाथ ने प्रवासी श्रमिकों को वापस घर लाने का आदेश दिया था। अब तक 6.5 लाख प्रवासी वापस आ चुके हैं। हमने इंडस्ट्री के प्रमुखों को रोजगार बढ़ाने पर जोर दिया ताकि प्रवासी मजदूरों को कोई दिक्कत न हों। कोरोना से हमें लंबी लड़ाई लडनी है। इस लिए हम चाहते हैं कि हमारे लोग काम के लिए बाहर न जाएं।
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