पाकिस्तान में महंगाई की मार से आम आदमी परेशान

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई ने रमजान के उत्साह को फीका कर दिया है।देश के लोग पवित्र महीने की तैयारी कर रहे है, लेकिन महंगाई की मार सहन कर पाना उनके लिए मुश्किल हो गया है।देश में बढ़ती खाद्य मुद्रास्फीति ने इस साल पाकिस्तानियों को विशेष रूप से मुश्किल में डाल दिया है। देश में बढ़ती महंगाई ने इबादत और लजीज पकवानों के त्योहार पर पानी फेर दिया है।मंहगाई ने पाकिस्तान के सबसे गरीब लोगों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है।डीडब्ल्यू न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, खजूर 3.5 यूरो प्रति किलो तक की कीमत पर बेचे जा रहे हैं, जो कई परिवारों के लिए खरीदना मुश्किल हो रहा है। पाकिस्तान सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है। महंगाई 30 फीसदी से ज्यादा हो गई है। पाकिस्तानी सरकार आमतौर पर रमजान के महीने में राहत पैकेज देता है, लेकिन इस साल नकदी की तंगी वाली सरकार के पास देने के लिए कुछ भी नहीं है। अभी तक सरकार ने केवल रियायती कीमतों पर आटे की व्यवस्था की है।

महंगाई इतनी बढ़ गई है कि पिछले साल पाकिस्तानी 200 रुपए किलो बिकने वाली चीजों की कीमत अब 500 रुपए किलो हो गई है। वहीं, पेट्रोल, बस का किराया समेत अन्य खर्चे भी बेतहाशा बढ़ गए हैं। 23 मार्च को समाप्त हुई सात दिनों की अवधि के दौरान गेहूं के आटे की सर्वकालिक उच्च कीमत ने पाकिस्तान में साप्ताहिक मुद्रास्फीति को सप्ताह-दर-सप्ताह 1.80 प्रतिशत और वर्ष-दर-वर्ष 46.65 प्रतिशत बढ़ा दिया, जो आगे और भी कठिन समय की ओर इशारा करता है। शुक्रवार को पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (पीबीएस) के आंकड़ों ने संवेदनशील मूल्य संकेतक (एसपीआई) में वृद्धि के लिए टमाटर (71.77पीसी), गेहूं का आटा (42.32पीसी), आलू (11.47पीसी), केले (11.07पीसी) चाय (7.34 पीसी), जॉर्जेट (2.11 पीसी), लॉन (1.77 पीसी), लंबा कपड़ा (1.58 पीसी), पल्स मैश (1.57 पीसी), तैयार चाय (1.32 पीसी), और गुड़ (1.03 पीसी) की कीमतों में वृद्धि को जिम्मेदार ठहराया।

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