पंजाब: फगवाड़ा चीनी मिल को वापस से चालू करने पर विवाद

जालंधर (पंजाब): प्रशासन द्वारा फगवाड़ा चीनी मिल को बंद करने के कुछ दिनों बाद, दोआबा किसान यूनियन के सदस्यों ने अब क्षेत्र के गन्ना किसानों को आगाह करना शुरू कर दिया है कि, वे फगवाड़ा चीनी मिल शुरू करने के लिए क्षेत्र के गन्ना किसानों के नाम पर जारी एक पत्र पर हस्ताक्षर न करें। डिप्टी कमिश्नर, कपूरथला को संबोधित पत्र में गन्ना किसानों को कठिनाइयों से बचाने के लिए मिल की तत्काल कार्यप्रणाली को बहाल करने की मांग की गई है। हालाँकि, बीकेयू दोआबा ने पत्र पर सवाल उठाते हुए कहा है कि, इसे न तो किसानों द्वारा जारी किया गया है, न ही यूनियन द्वारा। बीकेयू दोआबा ने बदले में कहा है कि, जब तक गन्ना किसानों के सभी लंबित बकाया का भुगतान नहीं हो जाता, तब तक वे मिल को चालू नहीं होने देंगे। उधर, डीसी कपूरथला कैप्टन करनैल सिंह ने कहा कि, उन्हें अभी तक पत्र नहीं मिला है।

द ट्रिब्यून में प्रकाशित खबर के मुताबिक, गन्ना उत्पादकों’ द्वारा जारी और डीसी कपूरथला को संबोधित पत्र में कहा गया है कि, पिछले कुछ दिनों में कुछ किसान यूनियन नेताओं ने बिना दूरदर्शिता के फगवाड़ा चीनी मिल के गेट बंद कर दिए। बाद में आपने (प्रशासन) मिल को बंद करवा दिया। पहले किसान यूनियनों और बाद में सरकार के कदमों ने गन्ना उत्पादकों का भविष्य खतरे में डाल दिया है। पिछले वर्ष नई मिल प्रबंधन के संतोषजनक कामकाज को देखते हुए हमने गन्ने की खेती बढ़ा दी थी और हम उम्मीद कर रहे थे कि यह सीज़न हमारे लिए बहुत लाभदायक होगा।

इसमें आगे कहा गया है, हम अच्छी तरह से जानते हैं कि मिल को चालू होने में कम से कम 60 दिन लगते है। मिल अगर यह लंबे समय तक बंद रहे या इसकी मरम्मत न हो तो इसे दोबारा चलाने में दिक्कतें आती है। इसलिए हम मौजूदा परिस्थितियों में और भी अधिक चिंतित हैं। पत्र में अंत में पूछा गया है, हम आपसे अनुरोध करते हैं कि ताले खुलवाए और मिल के कामकाज और मरम्मत के संबंध में निर्णय लिया जाए ताकि हमें गन्ने की आपूर्ति और भुगतान के संबंध में परेशानी न हो।

बीकेयू दोआबा के उपाध्यक्ष दविंदर सिंह संधवान ने कहा, क्षेत्र के गन्ना किसानों या हमारे संघ द्वारा पत्र जारी नहीं किया गया है।हम चाहते हैं कि, मिल चले लेकिन हमारा भुगतान चुकाए बिना नहीं। जिसने भी पत्र जारी किया है, वह स्पष्ट रूप से चाहता है कि हमारा पिछला बकाया चुकाए बिना मिल चले। हम सरकार और प्रशासन से आग्रह करते हैं कि वे हमारे 43 करोड़ रुपये के लंबित बकाए का भुगतान सुनिश्चित करें।

संधवान ने कहा, क्षेत्र के किसी भी किसान ने दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं किए है। हम किसानों से इस पर हस्ताक्षर न करने का भी आग्रह कर रहे है।बीकेयू दोआबा के प्रदेश अध्यक्ष मंजीत सिंह राय और महासचिव सतनाम सिंह साहनी ने एक बयान जारी किया, “गांव-गांव, किसानों से इन फॉर्मों पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा जा रहा है। बीकेयू-दोआबा की ओर से सभी किसानों से आग्रह किया गया है कि वे इन पर हस्ताक्षर न करें। बकाया भुगतान के बिना यूनियन मिल को चलने नहीं देगी।

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