अहिल्यानगर : केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के अहिल्यानगर में प्रवरा शुगर फैक्ट्री की विस्तारित सुविधा का उद्घाटन किया।मंत्री अमित शाह ने कहा कि, सहकारी चीनी मिलों को गैर-पेराई सत्र के दौरान भी मल्टी-फीड एथेनॉल का उत्पादन जारी रखना चाहिए और फ्रोजन सब्जियां, फल, जूस, फलों के गूदे और इसी तरह के उत्पादों के उत्पादन का भी विस्तार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि, नेफेड और एनसीसीएफ के साथ समझौते करके सहकारी चीनी मिलों को बहुआयामी बनना होगा।
इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजीत पवार, तथा केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री ने शिरडी साईं धाम जाकर साईं बाबा की पूजा-अर्चना की और देश के सभी नागरिकों की सुख-समृद्धि की कामना की।
शाह ने कहा कि, पद्म विभूषण डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल ने दुनिया की पहली सहकारी चीनी मिल की स्थापना की थी और इस पहल से न केवल महाराष्ट्र, बल्कि गुजरात, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और कई अन्य राज्यों के किसानों की समृद्धि हुई। उन्होंने आगे कहा कि, डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल ही थे जिन्होंने उस प्रणाली की शुरुआत की जिसके माध्यम से चीनी मिलों का लाभ व्यापारियों की जेबों के बजाय किसानों के बैंक खातों में जाता था।
अमित शाह ने कहा कि, डॉ. विठ्ठलराव विखे पाटील सहकारी चीनी मिल का भी जीर्णोद्धार किया गया है। उन्होंने बताया कि 1950-51 में जब इस मिल की स्थापना हुई थी, तब इसकी प्रसंस्करण क्षमता 500 टन प्रतिदिन गन्ना पेराई क्षमता थी, जो अब बढ़कर 7200 टन प्रतिदिन हो गई है। आने वाले वर्षों में इसकी पेराई क्षमता 7200 टन से बढ़कर 15000 टन गन्ना प्रतिदिन हो जाएगी। उन्होंने कहा कि, जब प्रधानमंत्री मोदी ने सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की थी, तब राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) ने सहकारी चीनी मिलों को मजबूत करने के लिए एक योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत, अच्छा प्रदर्शन करने वाली इकाइयों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई, जिनमें डॉ. विठ्ठलराव विखे पाटील सहकारी चीनी मिल का अब विस्तार किया जा रहा है।
शाह ने बताया कि, इस चीनी मिल के अल्कोहल आसवन प्लांट की क्षमता 15 किलोलीटर प्रतिदिन से बढ़कर 92 किलोलीटर प्रतिदिन (केएलपीडी) हो गई है और इसे आगे बढ़ाकर 240 किलोलीटर प्रतिदिन करने की मंज़ूरी मिल गई है। इसी प्रकार, एथेनॉल प्लांट की क्षमता 20 किलोलीटर प्रतिदिन (केएलपीडी) से बढ़कर 150 किलोलीटर प्रतिदिन (केएलपीडी) हो गई है, बायोगैस प्लांट की क्षमता 12,000 घन मीटर प्रतिदिन से बढ़कर 30,000 घन मीटर प्रतिदिन हो गई है, और सह-उत्पादन प्लांट की क्षमता 30 मेगावाट से बढ़कर 68 मेगावाट हो गई है।
केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश में चीनी मिलों की संख्या में 67 की वृद्धि हुई है और चीनी उत्पादन में 10 लाख मीट्रिक टन की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि, डिस्टिलरी की संख्या दोगुनी हो गई है, एथेनॉल उत्पादन क्षमता पाँच गुना और इसकी आपूर्ति दस गुना बढ़ गई है। इसके अलावा, पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रण अब 20 प्रतिशत तक पहुँच गया है। उन्होंने कहा कि, यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से सहकारी चीनी मिलों को अत्यधिक लाभ हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार के प्रमुख निर्णयों में से एक किसानों का 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का आयकर बकाया माफ करना था। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने कर निपटान के मामले में सहकारी क्षेत्र को निगमों के समान दर्जा दिया है।
शाह ने कहा कि पहली बार मोदी सरकार ने सहकारी समितियों को नियमित करने के लिए एक निपटान अधिनियम बनाया है – और वह भी पूर्वव्यापी प्रभाव से। केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि इस पहल से अब सहकारी चीनी मिलों को 4,400 करोड़ रुपये के वार्षिक वित्तीय बोझ से राहत मिलेगी। अमित शाह ने सहकारी चीनी मिलों को संबोधित करते हुए अपने इथेनॉल संयंत्रों को बहु-फ़ीड इथेनॉल इकाइयों में बदलने और सब्जी अपशिष्ट, मक्का और चावल से इथेनॉल उत्पादन प्रणाली स्थापित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि इसके लिए आवश्यक वित्तीय सहायता राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) द्वारा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी सहकारी समितियों को इथेनॉल खरीद में प्राथमिकता दी गई है। इसी प्रकार, मोदी सरकार ने एनसीडीसी की ऋण योजना के तहत 10,000 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं और गुड़ पर जीएसटी को 28 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है।