इस्लामाबाद : लाहौर की एक अदालत ने सोमवार को रमजान चीनी मिल मामले की सुनवाई में पेश होने से स्थायी छूट की प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की याचिका स्वीकार कर ली। राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) ने 2019 में शहबाज और उनके बेटे हमजा शहबाज के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने “धोखाधड़ी और बेईमानी से” राष्ट्रीय खजाने का 213 मिलियन रुपये का नुकसान पहुंचाया है।
एनएबी के अनुसार, जब शहबाज पंजाब के मुख्यमंत्री थे, उन्होंने मुख्य रूप से अपने बेटों के स्वामित्व वाली चीनी मिलों को लाभ पहुंचाने के लिए चिनियट जिले में एक नाले के निर्माण के लिए एक निर्देश जारी किया था। एनएबी ने कहा है कि इस उद्देश्य के लिए जनता के पैसे खर्च किए गए। शहबाज को एनएबी ने 2019 में इस मामले में गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) ने उन्हें जमानत दे दी थी। शहबाज के वकील ने न्यायाधीश को सूचित किया कि जवाबदेही अदालत ने पहले ही एक अन्य मामले में सुनवाई में भाग लेने से प्रमुख स्थायी छूट दी है। वकील ने कहा की, उनका मुवक्किल देश के प्रधानमंत्री बन गए है, उन पर भारी जिम्मेदारियाँ है, जिससे उनके लिए हर सुनवाई में उपस्थित होना मुश्किल हो गया है। न्यायाधीश ने छूट के आवेदन को स्वीकार कर लिया और मामले को 5 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया।