सिंभावली चीनी मिल का पेराई सत्र आज बंद होगा

हापुड़ : गन्ने की कमी के चलते सिंभावली चीनी मिल प्रबंधन ने पेराई सीजन खत्म करने का फैसला किया है।पिछले कुछ दिनों से मिलों को गन्ने की काफी कम आपूर्ति हो रही थी, जिससे कई बार ‘नो – केन’ की स्थिति बन गई थी। आख़िरकार मिल प्रबंधन ने पेराई सत्र समाप्त करने का ऐलान किया है, लेकिन उन किसानों में बेचैनी बढ़ रही है जिनके खेतों में अभी गन्ना खड़ा हुआ है। मजदूरों की कमी से उन्हें समय पर मिल को गन्ना भेजने में काफी दिक्कत आ रही है, और अब तो मिल बंद होने से उनकी मुश्किलें और बढ़ने की संभावना है।

‘हिंदुस्तान’ में प्रकाशित खबर के अनुसार, सिंभावली चीनी मिल ने रविवार को तीसरा नोटिस चस्पा किया है, जिसमें उल्लेख किया है कि संबंधित समस्त वाहय क्रय केंद्रों के साथ ही मिल गेट से संबंधित सभी किसानों के कैलेंडर में बेसिक कोटे/अतिरिक्त सटटे एवं सर्वे के आधार पर खड़े गन्ने की समस्त पर्चियां निर्गत की जा चुकी है। इसके अलावा 20 मार्च से सभी क्रय केंद्रों एवं मिल गेट पर गन्ने की खुली खरीद करते हुए चीनी मिल स्टाफ द्वारा गांवों जाकर व्यक्तिगत रूप से भी किसानों से मिलकर समय अंतर्गत गन्ना आपूर्ति करने का अनुरोध भी किया जा रहा है।

चीनी मिल के मुख्य महाप्रबंधक करनसिंह के अनुसार, मिल की पेराई क्षमता प्रतिदिन 95 हजार क्विंटल गन्ने की है, परंतु इसकी तुलना में अब पचास हजार क्विंटल से भी कम गन्ना मिलने से मिल को बीच बीच में बंद करनी पड़ रही है। उन्होंने ने कहा कि, बीज को छोड़कर कुछ किसानों के पास अब कोई खास गन्ना शेष नहीं बच पाया है, जिसे देखते हुए तीसरा नोटिस जारी किया गया है कि वे जल्द से जल्द अपना गन्ना सप्लाई कर दें।

सिंभावली चीनी मिल ने वर्तमान पेराई सत्र के दौरान 31 मार्च तक विभिन्न समितियों के माध्यम से एक करोड़ 24 लाख क्विंटल गन्ने की खरीद की गई है, जिसका कुल मूल्य चार अरब 58 करोड़ 80 लाख रुपये होता है, जिसमें से किसानों को सात दिसंबर तक खरीदे गए गन्ने का 95 करोड़ का भुगतान अदा किया जा चुका है। इस लिहाज से सिंभावली चीनी मिल पर अभी किसानों का तीन अरब 68 करोड़ 75 लाख रुपये का पेमेंट बाकी चल रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here