पानीपत की डाहर चीनी मिल एथनॉल और बिजली उत्पादन कर कमाएगी अतिरिक्त आमदनी

पानीपत/चंडीगढ़,31 अगस्त: हरियाणा में सूबे की सरकार के पूरे होते पाँच सालों के बीच चुनावी गहमागहमी शुरु हो गयी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर गन्ना किसानों और चीनी मिलों को अपने कार्यकाल में लाभ की स्थिति में लाने का दावा कर जन आशीर्वाद यात्रा कर रहे है। मुख्यमंत्री द्वारा गन्ना किसान और चीनी मिलों के विकास के दावों की हक़ीक़त जानने के लिए हमारी टीम पहुँची पानीपत। पानीपत के डाहर में स्थित इस चीनी मिल को फरवरी माह में मुख्यमंत्री खट्टर की अनुशंसा पर हाई पावर परचेज कमेटी ने 300 करोड़ रुपए के टेंडर की मंज़ूरी देकर इसे नए शिरे से चालू करने की स्वीकृति दी थी । ये चीनी मिल आज गुणवत्ता पूर्ण चीनी उत्पादन करने के साथ बिजली भी पैदा करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इतिहास के पन्नों में अपने अतीत की यादें समेटे ये चीनी मिल आने वाले दिनों में आधुनिक सुविधाओं के मामले मे प्रदेश की अग्रणी चीनी मिलों मे शुमार की जाएगी। ये चीनी मिल 1956 में बनी थी और तब से लेकर अब तक मिल ने काफ़ी उतार-चढाव देखे हैं। पहले ये चीनी मिल स्टीम इंजन से चलती थी लेकिन सरकार ने इसे अपग्रेड के लिए मार्च में वित्तीय राशि मुहैया कर आधुनिक बनाने के लिए स्नीकृति दी थी जिससे आज इस मिल में आधिनिकीकरण का कार्य चल रहा है। इसके अगले साल फरवरी तक पूरा होने की उम्मीद है। मिल के प्रबंध निदेशक पंकज अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान में मिल की पैराई क्षमता 18 हजार क्विंटल प्रतिदिन है जो अगले साल तक बढ़कर 50 हज़ार तक हो जाएगी। अग्रवाल ने कहा कि पहले ये चीनी मिल शहर में स्थित थी लेकिन शहर में ट्रैफिक जाम और समस्याओं के कारण इसे डाहर में 25 एकड़ ज़मीन देकर शिफ़्ट किया गया है। अग्रवाल ने कहा कि इस शुगर मिल के साथ 28 मेगावाट का -प्लांट भी स्थापित किया जा रहा है जो इसकी कार्य दक्षता बढ़ायेगा। यहाँ से बिजली बनकर तैयार होगी उसे उपयोग के बाद सरकार को बेचा जाएगा।

हरियाणा शुगर-फेड के चेयरमैन हरपाल सिंह चीका ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने व्यक्तिगत रूचि लेकर इस चीनी मिल के जीर्णोद्धार के लिए तत्काल प्रभाव से 300 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति कराई थी जिसकी वजह से आज मिल में प्रगति की बहार देखने को मिल रही है। चीका ने कहा कि यहाँ एथनॉल निर्माण का काम भी प्रगति पर है। इसकी डिस्टलरी ईकाई प्रदेश की सहकारिता मिलों में अपने स्वयं के प्रभुत्व वाली अकेली ईकाई है जो कि एथनॉल का भी उत्पादन करती है। इस एथनॉल की बिक्री से चीनी मिल को अतिरिक्त आमदनी हो रही है। चीका ने कहा कि वर्तमान में इसकी डिस्टलरी ईकाई की क्षमता 30 हजार लीटर की है जो चीनी मिल के आधुनिकीकरण के बाद 45 हजार लीटर एथनॉल प्रतिदिन हो जाएगी। हरपाल सिंह ने कहा कि मिल को और सुदृढ़ बनाने और अपने वित्तीय संसाधन बढाने के लिए सभी तरह के उपकरण और मशीनें लाने के लिए छूट दी गयी है। बीते छ माह से मिल में तेज़ी से काम हो रहा है। अगले साल आप इस मिल में आएँगे तो तस्वीर पूरी तरह से बदली बदली नज़र आएगी।

पानीपत के स्थानीय प्रगतिशील किसान रुडमल ने कहा कि मिल में चल रहे आधुनिकीकरण को लेकर हम काफ़ी खुश है। हमें बताया गया है कि जब मिल अपग्रेड हो जाएगी तो हम लोगों को गन्ना पैराई के लिए इन्तज़ार नहीं करना पड़ेगा । रुडमल ने कहा कि इस चीनी मिल में हरियाणा के अलावा यूपी से भी किसान गन्ना पैराई के लिये आते है इसलिए हम लोगों को गन्ना पैराई के लिए कई दिन तक इन्तज़ार करना पड़ता था लेकिन अब उम्मीद है कि हमारे गन्ने की समय पर पैराई होगी।

प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपनी जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान पानीपत की सहकारी सुगर मिल के मसले पर बात करते हुए कहा कि देश को आज़ाद हुए 73 साल हो गए और यहाँ की चीनी मिल को भी तक़रीबन 63 साल हो गए है। आज़ादी के इतने साल बाद भी कांग्रेस सरकार ने इस चीनी मिल की सुध नहीं ली। हमने सरकार बनने के बाद किसानों से किए वादे के मुताबिक 18 अक्तूबर 2015 को नई चीनी मिल के लिए पत्थर रखा था तो यहाँ के किसानों ने उम्मीद के साथ कहा कि आज हमें हमारा हक मिल गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप यहाँ के किसानों ये पूछो तो वे कहेंगे कि चीनी मिल को चालू करने का हमारा सपना हक़ीक़त में इस सरकार में पूरा हुआ है।

प्रदेश के सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर ने कहा कि पानीपत के गन्ना किसानों की सालों पुरानी माँग को मुख्यमंत्री जी ने पूरा कर किसानों के प्रति अपनी प्रतिबद्दता दर्शाई है। यही नहीं इस मिल के आधुनिकीकरण के लिए पैसा देने के अलावा मुख्यमंत्री ने गन्ना पैराई सत्र 2018-19 के दौरान जब पूरे प्रदेश की चीनी मिलों को किसानो के गन्ना बकाया की राशि देने के लिए 350 करोड़ रुपये सूबे की सहकारी चीनी मिलों को दिए थे इसमें से 39 करोड़ रुपए अकेले इस पानीपत चीनी मिल को दिए गए। ग्रोवर ने कहा कि हरियाणा सरकार का मानना है कि प्रदेश का किसान ख़ुशहाल होगा तो प्रदेश सम्पन्न होगा इसलिए बीते पाँच सालों में हमारी सरकार ने न केवल किसानों से किए तमाम वादे पूरे किए है बल्कि किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने को लिये योजनाएं बनाकर उन्हे ज़मीनी स्तर पर लागू भी किया है।

यह न्यूज़ सुनने के लिए इमेज के निचे के बटन को दबाये.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here