महाराष्ट्र में पिछली सरकार के नेताओं की चीनी मिलों को कर्ज के लिए दी गई गारंटी रद्द करने का फैसला

मुंबई : चीनी मंडी

महाराष्ट्र में नई सरकार आते ही एक्शन मोड़ में आ गयी है। सरकार द्वारा हालही में लिए गए मंत्रिमंडल बैठक में फडणवीस सरकार के चार बड़े नेताओं को झटका दिया है। मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में पिछली सरकार द्वारा चार बड़े नेताओं की चीनी मिलों को कर्ज के लिए दी गई गारंटी रद्द करने का फैसला किया गया।

गौरतलब है कि फडणवीस सरकार ने चार बड़े नेताओ पंकजा मुंडे, विनय कोरे, धनंजय महाडिक और कल्याण काले के वर्चस्व वाली चीनी मिलों को नैशनल कोऑपरेटिव डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन से कर्ज देने के लिए बैंक गारंटी दी थी। अब ठाकरे सरकार ने यह बैंक गारंटी रद्द कर दी है।

देवेंद्र फडणवीस सरकार की पिछली कैबिनेट बैठक के फैसले, जिसने राज्य में सिंचाई परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त वित्त के रूप में हजारों करोड़ रुपये का आवंटन किया था, जिसमे विशेष रूप से जलगांव जिले की परियोजनाएं शामिल है, यह नई सरकार के ‘रडार’पर है। पांच परियोजनाओं में से चार जलगाँव जिले से हैं, जो भाजपा के तत्कालीन सिंचाई मंत्री गिरीश महाजन का जिला है। महाजन को भाजपा के सभी नेताओं में फड़नवीस का सबसे करीबी सहयोगी माना जाता है। वह भाजपा के प्रमुख नेता भी थे, जिन्होंने कई कांग्रेस और राकांपा नेताओं को भाजपा में लाने में अहम भूमिका निभाई थी। कैबिनेट की बैठक में हुए विकास से संकेत मिलता है कि त्रिपक्षीय सरकार उनके विभाग के कामकाज की जांच करने के लिए तैयार है।

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