देहरादून स्थित भारतीय पेट्रोलियम संस्थान 13 से 19 अप्रैल तक अपना “ एक सप्ताह एक प्रयोगशाला ( वन वीक वन लैब (ओडब्ल्यू ओएल) अभियान शुरू कर रहा है

प्रमुख अनुसंधान प्रयोगशालाओं में से एक देहरादून स्थित भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम – आईआईपी) कल 13 से 19 अप्रैल तक अपना “एक सप्ताह एक प्रयोगशाला ( वन वीक वन लैब ( ओडब्ल्यूओएल )” अभियान शुरू कर रहा है। नई दिल्ली में कल 13 अप्रैल को उद्घाटन समारोह और पूर्व – भूमिका ( कर्टेन रेज़र ) के साथ शुरू हो रहे इस सप्ताह भर चलने वाले अभियान के दौरान विभिन्न परस्पर विचार-विमर्श ( इंटरैक्टिव ) कार्यक्रम निर्धारित किए गए हैं।

अभियान के अतर्गत 14 अप्रैल को देहरादून में सीएसआईआर-आईआईपी के 63वें स्थापना दिवस के साथ ही भारत रत्न डॉ. बी.आर अम्बेडकर की जयंती के समारोह को भी प्रमुखता से आयोजित किया जा रहा है।

संस्थान उसी दिन हितधारकों की बैठक की मेजबानी करने की भी योजना बना रहा है, जिसमें आइडिया न्यूक्लिएशन से लेकर उद्योग में इसके कार्यान्वयन तक हमारी प्रौद्योगिकियों की विकास यात्रा का प्रदर्शन किया जाएगा। यह आयोजन भारतीय उद्योग के नए दृष्टिकोण और सीएसआईआर-आईआईपी से उनकी अपेक्षाओं को समझने पर भी केंद्रित होगा।

यह याद किया जा सकता है कि केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमन्त्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने औपचारिक रूप से 6 जनवरी, 2023 को नई दिल्ली में अभियान की शुरुआत की और कहा था कि भारत में सभी 37 सीएसआईआर प्रयोगशालाओं को विशेषज्ञता के उनके संबंधित क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार के वैश्विक केंद्रों में बदल दिया जाएगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि मई 2014 से सभी वैज्ञानिक प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सक्रिय और निरंतर समर्थन के साथ, भारत विज्ञान, प्रौद्योगिकी, एवं नवाचार के पारिस्थिकी तन्त्र में प्रत्येक दिन नई ऊंचाइयों को छू रहा है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, देश भर में फैली 37 सीएसआईआर प्रयोगशालाओं में से प्रत्येक अपने कार्य के एक अलग विशेष क्षेत्र के लिए समर्पित है और “एक सप्ताह एक प्रयोगशाला (वन वीक वन लैब – ओडब्ल्यूओएल )” अभियान प्रत्येक को उन्हें इसके द्वारा किए जा रहे कार्यों को प्रदर्शित करने के लिए एक अवसर प्रदान करेगा ताकि अन्य लोग इसका लाभ उठा सकें और हितधारक इसके बारे में जान सकें।

देहरादून स्थित भारतीय पेट्रोलियम संस्थान में आयोजित इस कार्यक्रम में (क) फ्यूल टेस्टिंग लेबोरेटरी, (ख) अपस्ट्रीम लेबोरेटरी, और (ग़) डी4-मेथनॉल डिमॉन्स्ट्रेशन प्लांट की आधारशिला रखी जाएगी । कार्यक्रम के दौरान 15 अप्रैल को ‘ जिज्ञासा ‘कार्यक्रम के माध्यम से स्कूल से युवा और उज्ज्वल दिमाग तक पहुंचा जएगा, जिसमें छात्र सीएसआईआर-आईआईपी के वैज्ञानिकों और शोधार्थियों के साथ बातचीत करेंगे ।

इस कार्यक्रम में पूर्व छात्रों की बैठक भी आयोजित की जाएगी जो तेल और गैस उद्योग में चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगी और सीएसआईआर-आईआईपी से जुड़े उद्योग के लोगों के साथ स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा के लिए भविष्य के अनुसंधान दृष्टिकोणों पर चर्चा करेगी। सीएसआईआर-आईआईपी राजाजी राष्ट्रीय उद्यान से सटा हुआ है और एक विशाल चाय बागान के साथ हरे-भरे पेड़ों से घिरा हुआ है। परिसर पक्षियों और तितलियों की 100 से अधिक प्रजातियों का निवास स्थान है।

16 अप्रैल को द नेचर वॉक @ सीएसआईआर-आईआईपी का आयोजन प्रस्तावित है और यह प्रतिभागियों को प्रकृति में स्वयं को तल्लीन करने और इसकी सुंदरता की सराहना करने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करेगा। इसके बाद, सीएसआईआर-आईआईपी परिसर में जल संरक्षण और भूजल पुनःपूर्ति कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। सस्टेनेबल एविएशन इन इंडिया एंड इंडस्ट्री मीट 17 अप्रैल को निर्धारित है, जो स्थायी ईंधन के दिलसाफ़ (डीआईएलएसएए)एफटीएम ब्रांड को जारी करने पर केंद्रित है, इसके बाद विशिष्ट तकनीकी चुनौतियों पर काबू पाने में सीएसआईआर-आईआईपी और विभिन्न उद्योग भागीदारों के बीच सहयोगात्मक विकास पर विचार-विमर्श किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र के लिए हमारी पहल और नवाचारों को प्रदर्शित करने के लिए चम्पावत, उत्तराखंड के बजरीकोट गांव में एक समानांतर कार्यक्रम ग्राम चौपाल निर्धारित किया गया है। यह कार्यक्रम ग्राम प्रतिनिधियों / स्थानीय निकायों और सीएसआईआर-आईआईपी वैज्ञानिकों के बीच बातचीत का अवलोकन करेगा और उन्हें ऊर्जा संरक्षण प्रथाओं पर कार्यक्रमों से अवगत कराएगा।

18 अप्रैल, 2023 का दिन सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यमों की बैठक और अखिल भारतीय सीएसआईआर-सहयोग के अंतर्गत सम्मानित एमएसएमई भागीदारों के लिए हमारी पहुंच प्रदर्शित करने और हमारे इंट्रा-सीएसआईआर सहयोगी शोध को प्रदर्शित करने के लिए निर्धारित है।

इस अभियान का समापन उत्तराखंड राज्य सरकार के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक के साथ होगा, जिसमें उत्तराखंड के समग्र विकास की दिशा में भारतीय पेट्रोलियम संस्थान तथा वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के प्रस्तावों पर विस्तृत मंथन और 19 अप्रैल को समापन समारोह होगा ।

(Source: PIB)

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