चीनी उद्योग द्वारा MSP बढाने की मांग…

नई दिल्‍ली : केंद्र सरकार द्वारा चीनी निर्यात नीति की घोषणा के बाद चीनी उद्योग को पिछले वर्ष की तरह ही निर्यात होने की उम्मीद है और 60 लाख टन चीनी निर्यात के लक्ष्य को प्राप्त करने का भरोसा है। चीनी उद्योग को अब सरकार के न्यूनतम बिक्री मूल्य (MSP) में वृद्धि के फैसले का भी इंतजार है, जिसे लगभग 2 साल पहले संशोधित किया गया था। चूंकि केंद्र सरकार ने चालू वर्ष के लिए गन्ने के एफआरपी में 10 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है, 2020-21 चीनी सीजन के लिए गन्ने की बढ़ी हुई एफआरपी पर विचार करने के बाद चीनी कि ‘एमएसपी’ भी प्रति किलो 34.50 रूपये करने की मांग उठाई जा रही है।

इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन के मुताबिक, ‘एक्स-मिल’ चीनी की कीममेें अधिकांश राज्यों में दबाव में हैं और किसानों को समय पर एफआरपी भुगतान करने के लिए चीनी के एमएसपी को बढ़ाने के बारे में जल्द निर्णय लेने की आवश्यकता है। ‘एमएसपी’ पर देर से निर्णय ने पहले ही चीनी मिलों की गन्ना भुगतान क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। वर्तमान गन्ना मूल्य बकाया राशि 3500 करोड़ रूपयें है और अगर ‘एमएसपी’ को जल्दी नहीं बढ़ाया गया तो बकाया राशि बहुत तेजी से बढ़ जाने की संभावना है। 2020-21 सीजन के लिए 15 दिसंबर तक 460 चीनी मिलें गन्ने की पेराई कर रही थीं और उन्होंने 73.77 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। पिछले चीनी सीजन में इसी तारीख को हुए 45.81 रुपये लाख टन चीनी उत्पादन की तुलना में 27.96 लाख टन अधिक है। पिछले साल इसी तारीख को 412 मिलें चल रही थीं।

उत्तर प्रदेश में, 118 मिलों ने 15 दिसंबर तक 22.60 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है, पिछले साल की तुलना में उत्पादन लगभग 1.35 लाख टन अधिक है। महाराष्ट्र में, 173 चीनी मिलें चालू हैं और उन्होंने 15 दिसंबर तक 26.96 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। 2019-20 में 15 दिसंबर तक 124 चीनी मिलें चालू थीं और उन्होंने 7.66 लाख टन का उत्पादन किया था। चालू वर्ष का उत्पादन पिछले वर्ष से लगभग 19.30 लाख टन अधिक है।

कर्नाटक में 64 चीनी मिलें चालू हैं, जिन्होंने 15 दिसंबर तक 16.65 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 6.03 लाख टन अधिक है। गुजरात में, 15 चीनी मिलें चालू हैं और उन्होंने 2.40 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। 2019-20 में, 15 दिसंबर तक 1.52 लाख का उत्पादन किया था। तमिलनाडु में 10 चीनी मिलें शुरू हैं और लगभग 0.8 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है।

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