गन्ने का भाव प्रतिटन 3,000 रूपये करने की मांग

जैसे चीनी मिलें MSP बढ़ाने की मांग कर रहे है वैसे ही गन्ना किसान भी अब गन्ना मूल्य बढ़ाने की मांग कर रहे है। आंदोलन अंकुश के धनाजी चुडमुंगे ने कहा की, केंद्र सरकार द्वारा अगर चीनी की न्यूनतम बिक्री कीमत (एमएसपी) में 3100 रूपये प्रतिटन से 3500 रूपये की जाती है, तो फिर महाराष्ट्र में भी गन्ना एफआरपी में भी औसत 10 प्रतिशत रिकवरी के लिए गन्ने का दर 2750 रूपयें से बढ़ाकर 3000 रूपये करना होगा। आंदोलन अंकुश द्वारा जारी प्रेसनोट में कहा गया है की, चीनी की ‘एमएसपी’ में प्रतिटन 3100 रूपये से बढ़ाकर 3500 रूपये करने की मांग देश के चीनी उद्योग संघठनों द्वारा की जा रही है। केंद्र भी इस तरह की बढोत्तरी पर विचार कर रही है। ऐसे समय में गन्ना मूल्य भी बढ़ना चाहिए।

उन्होंने कहा की अब अगर ‘एमएसपी’ को 3100 रूपये प्रतिटन से 3500 रूपये तक बढ़ाया जाता है, तो फिर खुदरा बाजारों में चीनी की कीमत बढ़ जायेगी।इस बढ़ी हुई चीनी दर का लाभ मिलों को होगा, किसानों को नही। राज्य सरकार को केंद्र सरकार से गन्ने की बढती लागत, रिकवरी में कमी और साल दर साल परिवहन लागत में होनेवाली बढ़ोतरी के चलते एफआरपी में बढ़ोतरी की सिफारिश करनी चाहिए। सरकार को उपभोक्ताओं, किसान और मिलर्स के लिए संतुलित दृष्टिकोण के साथ फैसला लेना चाहिए।

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